ईरान के नतांज अंडरग्राउंड न्‍यूक्लियर साइट पर हुई गड़बड़ी की होगी जांच, पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं

ईरान के अंडरग्राउंड न्‍यूक्लियर साइट पर बिजली संंबंधित समस्‍या आने से कुछ देर के लिए दहशत छा गई। अब इस घटना की जांच की जा रही है। यहां पर इससे पहले भी कई बार समस्‍या आ चुकी हैं।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 03:36 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 03:36 PM (IST)
ईरान के नतांज अंडरग्राउंड न्‍यूक्लियर साइट पर हुई गड़बड़ी की होगी जांच, पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं
ईरान की न्‍यूक्लियर साइट पर आई समस्‍या

दुबई (रॉयटर्स)। ईरान के नतांज अंडरग्राउंड न्‍यूक्लियर फेसेलिटी सेंटर (Natanz nuclear site) में रविवार को बिजली सप्‍लाई संबंधित समस्‍या आ गई जिसकी वजह से कुछ देर के लिए यहां पर काम कर रहे कर्मियों को किसी तरह की गड़बड़ी होने की आशंका सताने लगी। हालांकि, परेशानी के बावजूद यहां पर किसी भी तरह की जानमाल की हानि नहीं हुई और न ही परमाणु रिसाव हुआ है। ईरानी टीवी के मुताबिक शनिवार को इसी जगह पर तेहरान ने एडवांस्‍ड यूरेनियम एनरिज सेंटरफ्यूज की शुरुआत की थी। आपको बता दें कि ये न्‍यूक्यिलर साइट रेगिस्‍तानी इलाके इस्‍फाहन के बीच में स्थित है। ईरान के एटॉमिक एनर्जी ऑर्गेनाइजेशन के प्रवक्‍ता बहरोज कमलवांडी का कहना है कि बिजली संबंधित समस्‍या की वजह से कुछ परेशानी जरूर हुई है।

यूएन न्‍यक्यिल वाचडॉग के मुताबिक नतांज न्‍यूक्लियर साइट ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम का प्रमुख केंद्र है। यहां पर इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी के अधिकारियों की निगाह लगी रहती है। वही इसको मॉनिटर भी करते हैं। एजेंसी का कहना है कि नतांज साइट पर बिजली संबंधित समस्‍या क्‍यों आई इसकी जांच चल रही है। पिछले वर्ष जुलाई में नतांज साइट पर आग लग गई थी, जिसको ईरान ने इस सेंटर को तबाह करने की एक साजिश बताया था। ईरान का कहना था कि ये ईरान के न्‍यूक्लियर प्रोग्राम को पटरी से उतारने के लिए किया गया था।

वर्ष 2010 में यहां के सिस्‍टम पर स्‍टक्‍सनेट कंप्‍यूटर वायरस अटैक किया गया था, जिसको लेकर ज्‍यादातर का मानना है कि ये अमेरिका और इजरायल की मिलीभगत थी। वर्ष 2015 में तेहरान और अमेरिका में संबंध कुछ ठीक उस वक्‍त हुए थे जब दोनों के बीच ओबामा प्रशासन में परमाणु डील हुई थी। इसमें सुरक्षा परिषद के सदस्‍यों के अलावा यूरोपीयन यूनियन का भी योगदान था। हालांकि वर्ष 2018 में तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने इस डील को अमेरिका के लिए अनुपयोगी बताते हुए इससे बाहर आने का एलान कर दिया था। वर्ष 2019 में ईरान ने भी अमेरिका के रुख को देखते हुए इससे बाहर आने और यूरेनियम संवर्धन को बढ़ाने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद ट्रंप ने ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे।

अमेरिका और ईरान के बीच ताजा हालातों की बात करें तो ये दोबारा फिर पटरी पर आते हुए दिखाई दे रहे हैं। दोनों ही तरफ से परमाणु डील को दोबारा लागू करने की बात को लेकर एकराय बनती भी दिखाई दे रही है। पिछले दिनों इस डील के अन्‍य साथी देशों ने इसको लेकर बैठक भी की थी, जिसके बाद अमेरिका ने कहा था कि यदि ईरान वापस आना चाहेगा तो प्रतिबंधों में ढील भी देना संभव होगा। ईरान ने भी अमेरिका के इस बयान पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी थी।

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