अमेरिका के साथ कैदियों की अदला-बदली की योजना को ईरान ने छोड़ा

ईरान और अमेरिका के बीच कैदियों की अदला-बदली की योजना असफल होती नजर आ रही है। एक अज्ञात ईरानी अधिकारी ने मंगलवार को नूर न्यूज एजेंसी से बात करते हुए उसने वाशिंगटन पर बंदियों को मुक्त करने के प्रयासों के उल्लंघन का आरोप लगाया।

By Avinash RaiEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 05:04 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 05:04 PM (IST)
अमेरिका के साथ कैदियों की अदला-बदली की योजना को ईरान ने छोड़ा
ईरान के अधिकारी का कहना है कि तेहरान अमेरिका के साथ कैदियों की अदला-बदली की योजना को छोड़ देगा

 दुबई, रायटर। ईरान और अमेरिका के बीच कैदियों की अदला-बदली की योजना असफल होती नजर आ रही है। एक अज्ञात ईरानी अधिकारी ने मंगलवार को नूर न्यूज एजेंसी से बात करते हुए उसने वाशिंगटन पर बंदियों को मुक्त करने के प्रयासों के उल्लंघन का आरोप लगाया। साथ ही उसने कहा कि ईरान अब अमेरिका के साथ कैदियों की अदला-बदली की अपनी योजनाओं को आगे नहीं बढ़ाएगा।

अधिकारी ने नूर न्यूज एजेंसी को बताया कि अब ईरान की ओर से इस योजना को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा क्योंकि निरंतर बिडेन प्रशासन की ओर से उल्लंघन की वजह सेयह फैसला लिया गया हैं। इसलिए ईरान ने कैदियों की अदला-बदली की योजना के मुद्दे को अपने एजेंडे से पूरी तरह से हटा दिया हैं, जो ईरान के शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा निकाय के करीब है। पिछले महीने, ईरान ने कहा कि एक कैदी की अदला-बदली के सौदे पर सहमति हुई थी, हालांकि वाशिंगटन ने इससे इनकार किया था।                                                     

इससे पहले ईरान ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन और ब्रिटेन पर आरोप लगया था कि दोनों ही देश 2015 में हुए ईरान के साथ परमाणु समझौते को बचाने के मध्यनजर कैदियों को बंधक बनाने का हथकंडा अपना रहे हैं। ईरान के इश बयान पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय के उप-विदेश मंत्री ने इस बयान को अपमानजनक बताते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

अमेरिका की जेलों में ईरानियों की संख्या, ईरान में अमेरिकी कैदियों की तुलना में ज्यादा हैं। दोनों देशों के बीच परमाणु वार्ता के दौरान कैदियों की अदला- बदली नई बात नहीं है। इससे पहले 2016 में ओबामा प्रशासन ने जेसीपीओए परमाणु समझौते के तहत 4 अमेरिकी नागरिकों को रिहा करवाया था। मगर 2018 में पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प इस एग्रीमेंट के खिलाफ थे। लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति बाइडेन इस वार्ता को आगे बढ़ाते नजर आ रहे थे।

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