सिंगापुर में भारतवंशी को मिला सम्मान, प्रवासी कामगारों की सरकारी प्रतियोगिता में आया अव्वल स्थान
सिंगापुर में देश को मान दिलाने वाले तमिलनाडु मूल के भारतवंशी गणेशन ने प्रवासी कामगारों की सरकारी प्रतियोगिता में जीत हासिल की और अव्वल स्थान पाया। सम्मान में उन्हें 273 डॉलर की धनराशि मिली है। उन्होंने मार्शल आर्ट सिलंबम का प्रदर्शन किया था।
सिंगापुर, प्रेट्र। सिंगापुर की सरकार के द्वारा प्रवासी कामगारों के लिए आयोजित की गई प्रतियोगिता में मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले 33 वर्षीय गणेशन संधीरकासन (Ganesan Sandhirakasan) ने पहला पुरस्कार जीता है। गणेशन ने इस प्रतियोगिता में भारत में चौथी शताब्दी से चली आ रही मार्शल आर्ट सिलंबम (Silambam ) का प्रदर्शन किया। इस सरकारी प्रतियोगिता की सीरीज बनाकर फाइनल प्रसारण टीवी पर किया गया।
सिलंबम का प्रदर्शन कर जीता सिल्वर मेडल
गणेशन ने 2010 में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व सिलंबम चैंपियनशिप में भाग लेकर सिल्वर मेडल हासिल किया था। गणेशन की मार्शल आर्ट सिलंबम के प्रदर्शन का वीडियो टिक टाॅक पर भी डाला गया यहां इसे सबसे ज्यादा लोगों ने पसंद किया। यह प्रतियोगिता तमिलनाडु की एक टीवी सीरीज चिल्ल पन्नू मप्पी (Chill Pannu Maappi) का ही एक हिस्सा थी। प्रवासी कामगारों से इसमें वीडियो मंगवाई गई थीं। इस प्रतियोगिता में छह सौ प्रवासियों ने हिस्सा लिया। गणेशन 12 साल की उम्र से सिलंबम का प्रदर्शन कर रहे हैं और 2010 में पहली बार सिलंबम वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया था। वह पिछले सात साल से सिंगापुर में रह रहे हैं और वहां वे ताइक्वांडो सिखाते हैं।
19 प्रतियोगियों को पछाड़ तमिलनाडु के गणेशन ने जीती प्रतियोगिता
बता दें कि गणेशन ने 19 प्रतियोगियों को पछाड़ यह सम्मान हासिल किया है। पुरस्कार के तौर पर उन्हें 743 डॉलर की धनराशि मिली है। इस सीरिज का अंतिम एपिसोड सोमवार रात प्रसारित किया गया था। शो के एक्जीक्यूटीव प्रॉड्यूर एसएस विकनेश्वरन ने इस शो की जानकारी दी। गणेशन ने बताया, 'वेबसाइट पर विज्ञापन देखने के बाद मैंने इसमें हिस्सा लेने का फैसला किया। कोविड काल में मेरा काम बंद था। मैं इस समय का सदुपयोग करना चाहता था और इसलिए मैंने भारत के मार्शल आर्ट सिलंबम को कोरियोग्राफ किया।' प्रतियोगिता में दूसरा स्थान विग्नेशन सतीश (Vignesh Sathish) और तीसरा सरन राज को मिला।