तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने यूएन में फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा, भारत ने दिया करारा जवाब
तुर्की के राष्ट्रपति द्वारा संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे को हवा देने के बाद ट्विटर पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि तुर्की को अन्य देशों की संप्रभुता का सम्मान करना सीखना चाहिए।
न्यूयॉर्क, एएनआइ। कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करने वाले तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोगन(Recep Tayyip Erdogan) ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया है। एर्दोगन के इस रुख पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए तुर्की को करारा जवाब दिया है। भारत ने कहा है कि तुर्की के राष्ट्रपति भारत के आंतरिक मामलों में दखल दे रहे हैं जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है। भारत ने नसीहत देते हुए कहा है कि कश्मीर जैसे गंभीर मसले पर बयान देने से पहले तुर्की को अपनी नीतियों की गहराई से समीक्षा करनी चाहिए।
एर्दोगन द्वारा संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे को हवा देने के बाद ट्विटर पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि तुर्की को अन्य देशों की संप्रभुता का सम्मान करना सीखना चाहिए और इसकी और अधिक गहराई से समीक्षा करना चाहिए।
भारत का करारा जवाब
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधि पीआर यूएन कृष्णमूर्ति ने एक बयान जारी करके कहा, 'हमने तुर्की के राष्ट्रपति का भारत के केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को लेकर दिया गया बयान देखा है। वह भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप कर रहे हैं और यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। तुर्की को दूसरे देशों की संप्रभुता का सम्मान करना सीखना चाहिए और उसे खुद अपनी नीतियों की गहराई से समीक्षा करना चाहिए।'
कश्मीर को लेकर एर्दौगन का बयान
संयुक्त राष्ट्र की आम सभा(United Nations General Assembly) को संबोधित करते हुए एर्दोगन ने कहा था कि कश्मीर संघर्ष दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिहाज से काफ़ी अहम है। यह फिलहाल एक ज्वलंत मुद्दा है। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद से वहां स्थितियां और जटिल हो गई हैं।
बता दें कि एक दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर दिए गए अपने भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाया था।