वैश्विक महामारी के इस मुश्किल दौर में सहायता में जुटा है भारत: टीएस त्रिमूर्ति

टीएस त्रिमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र में बताया कि वैश्विक महामारी के कारण उपजे संकट में भारत की ओर से दुनिया के तमाम देशों को हरसंभव सहायता मुहैया कराने की कोशिश की जा रही है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 07:44 AM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 07:44 AM (IST)
वैश्विक महामारी के इस मुश्किल दौर में सहायता में जुटा है भारत: टीएस त्रिमूर्ति
वैश्विक महामारी के इस मुश्किल दौर में सहायता में जुटा है भारत: टीएस त्रिमूर्ति

 संयुक्त राष्ट्र, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने कोविड-19 के कारण फैली वैश्विक महामारी के दौरान पार्टनरशिप की आवश्यकता पर जोर दिया और बताया कि इस संकट में भारत दुनिया के तमाम देशों को हरसंभव सहायता देने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने गुरुवार को UNDP/UNFPA/UNOPS कार्यकारी बोर्ड के वार्षिक सत्र में बताया कि मौजूदा संकट पार्टनरशिप की आवश्यकता को रेखांकित करता है, किसी को पीछे न छोड़ते हुए सबसे कमजोर वर्ग को प्राथमिकता देता है। दुनिया भर में हमारे पार्टनर को समर्थन देने के लिए भारत की ओर से हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

विदेश मंत्रालय के मौजूदा सचिव व तेजतर्रार राजनयिक टीएस त्रिमूर्ति को इसी माह  सैयद अकबरुद्दीन की जगह नियुक्त किया गया है। इससे पहले वे विदेश मंत्रालय में सचिव (इकोनॉमिक रिलेशन) की जिम्मेदारी निभा रहे थे।भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग कार्यक्रम (आईटीईसी) के तहत जरूरी दवाओं, टेस्ट किट और पीपीई किट दूसरे देशों को पहुंचा रहे हैं। रैपिड रेस्पांस टीमें तैनात की जा रही है और जानकारियां साझा करने के लिए प्लेटफॉर्म बनाया जा रहा है। 

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा है कि इस वैश्विक महामारी कोविड-19 के लिए अब तक किसी वैक्सीन को विकसित नहीं किया जा सका है। हमें इसे मिलकर विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि केवल वैक्सीन का बन जाना ही पर्याप्त नहीं है। इसे हर व्यक्ति और देश के हर कोने में पहुंचाने के लिए वैश्विक एकजुटता दिखानी होगी। यूएन ने पहले भी एकजुटता की अपील की थी गुटेरेस ने पिछले महीने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि कोरोना महामारी से उपजे संकट के कारण दुनियाभर की आर्थिक व्यवस्था जर्जर है। दुनिया में भुखमरी और अकाल जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। ऐसे में एक ही उपाय बचता है कि सभी देश मिलकर इस समस्या का समाधान तलाशें। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के कारण दुनिया संकट से जूझ रही है और सभी देशों की इकोनॉमी डावांडोल है।

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