UNHRC में भारत को बड़ी सफलता, कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान को नहीं मिला अन्‍य देशों का समर्थन

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर मामले में संकल्प पेश करने के लिए पर्याप्त समर्थन हासिल नहीं हो सका है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 19 Sep 2019 11:26 PM (IST) Updated:Fri, 20 Sep 2019 06:53 AM (IST)
UNHRC में भारत को बड़ी सफलता, कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान को नहीं मिला अन्‍य देशों का समर्थन
UNHRC में भारत को बड़ी सफलता, कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान को नहीं मिला अन्‍य देशों का समर्थन

जिनेवा, एएनआइ। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को पाकिस्तान के मुकाबले एक बार फिर बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर मामले में संकल्प पेश करने के लिए पर्याप्त समर्थन हासिल नहीं हो सका है। इससे कश्मीर मसले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की पाकिस्तान की साजिश एक बार फिर विफल हुई।

कश्मीर पर पाकिस्तान ने फिर मुंह की खाई

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार संकल्प से संबंधित प्रस्ताव पेश करने के लिए निर्धारित समय तक पाकिस्तान आवश्यक सदस्यों के समर्थन के पत्र दाखिल नहीं कर सका। ज्यादातर सदस्य देशों ने कश्मीर पर संकल्प पेश करने के पाकिस्तान के प्रस्ताव का समर्थन करने से इन्कार कर दिया। इसके चलते भारत के खिलाफ कश्मीर पर प्रस्ताव लाने की पाकिस्तान की मंशा धरी रह गई और उसके राजनयिक अपना सा मुंह लेकर यूएनएचआरसी परिसर से निकल गए।

Kumam Mini Devi:Let me turn to Pakistan occupied Kashmir&territories under Pak control,cases of enforced disappearances,custodial rapes,murders&torture of civil rights activists&journalists are common practices adopted to silence voices against govt&deep state in Gilgit-Baltistan https://t.co/mZ5LznHkEc" rel="nofollow

— ANI (@ANI) September 19, 2019

पीओके और पाकिस्‍तान में मानवाधिकार का उल्‍लंघन आम बात 

चर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत की प्रथम सचिव कुमम मिनी देवी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हमारा निर्णय भारत का संप्रभु और आंतरिक मामला है। हमारे निर्णय की गलत व्याख्या कर पाकिस्तान क्षेत्र को लेकर अपनी नीयत छिपा नहीं सकता। एक बार पीओके और पाकिस्तान के इलाकों के बारे में बात करते हैं। लोगों का गायब होना, हिरासत में रेप, हिरासत में हत्या, टॉर्चर और ऐक्टिविस्ट्स और पत्रकारों के मानवाधिकारों का उल्लंघन वहां आम है।  

पाक को 24 घंटे में दूसरा झटका

24 घंटे के भीतर पाकिस्तान को लगा यह दूसरा बड़ा झटका है। बुधवार को स्ट्रासबर्ग में यूरोपीय यूनियन की संसद ने जम्मू-कश्मीर मसले पर कहा था कि भारत में चांद से आतंकी नहीं आते। पाकिस्तान क्षेत्र में शांति स्थापित करे और कश्मीर मसले को भारत से बातचीत के जरिये सुलझाए। एक सांसद ने पाकिस्तान में आतंकी साजिश रचे जाने की भी बात कही थी।

नहीं मिला इस्‍लामिक देशों का समर्थन  

सूत्रों के अनुसार कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर संकल्प का प्रस्ताव लाने के लिए पाकिस्तान कई दिन से एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा था। लेकिन उसे इस्लामिक सहयोग संगठन के सभी 57 देशों का भी समर्थन हासिल नहीं हो पाया। ज्यादातर देशों ने पाकिस्तानी अधिकारियों को समझा दिया कि जम्मू-कश्मीर का मसला भारत का अंदरूनी मामला है, अगर उस पर पाकिस्तान कुछ बात करना चाहता है तो वह भारत के साथ करे।

भारत ने भेजा राजनयिकों का दल 

उल्लेखनीय है कि भारत ने जम्मू-कश्मीर पर अपना पक्ष बताने के लिए पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया के नेतृत्व में राजनयिकों का दल यूएनएचआरसी भेजा था। उस दल ने विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों से मिलकर भारत की स्थिति के बारे में बताया। कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और उसके संबंध में वह पाकिस्तान से कभी भी वार्ता कर सकता है। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया था कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उन्हें 58 देशों का समर्थन मिल रहा है और वे कश्मीर से पाबंदियां हटाने की पाकिस्तान की मांग के साथ हैं।

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