इटली के विदेश मंत्री बोले- तालिबान को समझना असंभव , सरकार में शामिल 17 आतंकियों को बनाया मंत्री

इटली के विदेश मंंत्री ने तालिबान सरकार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि तालिबान सरकार को इटली के लिए समझना असंभव है क्योंकि इस सरकार में 17 आतंकियों को मंत्री बनाया गया है। अभी तक किसी भी देश ने तालिबान को मान्यता नहीं दी है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 01:37 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 02:20 PM (IST)
इटली के विदेश मंत्री बोले- तालिबान को समझना असंभव , सरकार में शामिल 17 आतंकियों को बनाया मंत्री
इटली के विदेश मंत्री बोले- तालिबान को समझना असंभव , सरकार में शामिल 17 आतंकियों को बनाया मंत्री

काबुल, एएनआइ। तालिबान ने भले ही आफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया हो, लेकिन अभी तक उसे अन्य देशों से मान्यता मिलती दिखाई नहीं दे रही है। अब इटली की तरफ से कहा गया है कि उसके लिए इस सरकार को मान्यता देना असंभव होगा। इटली की इस घोषणा के बाद बाद तालिबान अलग-थलग पड़ रहा है। हालांकि, कई देश तालिबान सरकार को मान्यता देने के लिए अपना समर्थन दे चुका हैं। इटली के विदेश मंत्री ने कहा कि कम से कम 17 आतंकियों को तालिबान प्रशासन ने मंत्री बनाया है। ऐसे में इटली, तालिबान को समझने में असमर्थ है।

जानें- इटली के विदेश मंत्री और क्या बोले

तालिबान के नए कार्यवाहक कैबिनेट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इटली के विदेश मंत्री लुइगी डि माओ (Luigi Di Maio) ने कहा कि तालिबान के कम से कम 17 कार्यवाहक मंत्री बनाए गए हैं, जो कि आतंकवादी हैं। ऐसे में तालिबान सरकार को पहचानना सचमुच असंभव है

अभी तक तालिबान को किसी भी देश ने नहीं दी मान्यता

बता दें कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान कब्जे के बाद लगभग 45 दिन हो चुके हैं, लेकिन दुनिया के किसी भी देश ने अभी तक इसे मान्यता नहीं दी है। इटली के विदेश मंत्री ने कहा कि तालिबान पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप है। ऐसे में उसे मान्यता नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान के लोगों को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान करने की भी वकालत की।

जबीउल्लाह मुजाहिद बोले- जल्द ही दुनिया तालिबान को देगी मान्यता

हाल ही में अफगानिस्तान के उप सूचना और संस्कृति मंत्री और तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने दावा किया है कि दुनिया जल्द ही तालिबान को मान्यता देगी। उन्होंने कहा कि कई देशों के प्रतिनिधियों ने अफगानिस्तान का दौरा किया है और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को मान्यता के लिए पत्र भी भेजा है।

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