Hong Kong Pro Democracy Newspaper Apple: बंदी के कगार पर हांगकांग का लोकतंत्र समर्थक अखबार एपल, विदेशी सरकारों से सांठगांठ रखने का मामला
चीन के निशाने पर चल रहा हांगकांग का लोकतंत्र समर्थक अखबार एपल कभी भी बंद हो सकता है। उसके प्रबंधन का कहना है कि संस्थान के पास अखबार प्रकाशित करने के लिए कुछ ही दिनों की धनराशि है। उसके खत्म होने के बाद अखबार का प्रकाशन नहीं हो पाएगा।
हांगकांग, एजेंसी। चीन के निशाने पर चल रहा हांगकांग का लोकतंत्र समर्थक अखबार एपल कभी भी बंद हो सकता है। उसके प्रबंधन का कहना है कि संस्थान के पास अखबार प्रकाशित करने के लिए कुछ ही दिनों की धनराशि है। उसके खत्म होने के बाद अखबार का प्रकाशन नहीं हो पाएगा। अखबार के सामने अपने कर्मचारियों के वेतन भुगतान की भी समस्या है। एपल डेली के चीफ एडीटर और सीईओ समेत पांच संपादकों को नए सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है।
अखबार के कार्यालय पर गुरुवार को 500 पुलिसकर्मियों ने छापेमारी की
अखबार के कार्यालय पर गुरुवार को 500 पुलिसकर्मियों ने छापेमारी की थी।एपल से संबंधित तीन कंपनियों के खिलाफ भी विदेशी सरकारों के साथ सांठगांठ रखने का मामला चलाया जा रहा है। एपल सरकार के सुरक्षा ब्यूरो से सोमवार को जब्त संपत्ति मुक्त करने के लिए कहेगा। इस प्रयास में विफल रहने पर अखबार कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दे सकता है।
एपल डेली के चीफ एडीटर और सीईओ सहित पांच संपादकों को नहीं मिली जमानत
इसके पूर्व हांगकांग में गिरफ्तार किए गए एपल डेली के चीफ एडीटर और सीईओ सहित पांच संपादकों को अदालत ने जमानत नहीं दी। गिरफ्तारी के बाद यह उनकी पहली सुनवाई थी। अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी। चीन के अर्द्ध-स्वायत्त क्षेत्र हांगकांग में मीडिया पर यह सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। डेली एपल के चीफ एडीटर रेयान ला, सीईओ चुइंग किम हंग सहित पांच संपादकों को गुरुवार को अखबार के कार्यालय में छापा मारकर गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी के साथ ही अखबार के सभी कंप्यूटर जब्त किए गए
यहां छापे में पांच सौ पुलिसकर्मी थे। इनकी गिरफ्तारी के साथ ही अखबार के सभी कंप्यूटर जब्त कर लिए गए। इन सभी पर विदेशी ताकतों से मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। इनको पुलिस रिमांड पर दिया गया है।इससे पहले एपल डेली के संस्थापक जिमी लाइ पहले से ही 2019 के आंदोलन के मामले में गिरफ्तार कर लिए गए थे। उन्हें बीस माह की सजा दी गई है। अखबार के खिलाफ कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पत्रकार और मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी निंदा की है।