हांगकांग कोर्ट ने फेस मास्क पर से प्रतिबंध हटाया, लोकतंत्र समर्थकों को रियायत देने से इन्कार

हांगकांग की मुख्य कार्यकारी कैरी लाम ने कहा कि हम केवल मांगों को पूरा करने के लिए कानून के शासन को पूरी तरह से अनदेखा नहीं कर सकते हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 10:08 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 10:49 PM (IST)
हांगकांग कोर्ट ने फेस मास्क पर से प्रतिबंध हटाया, लोकतंत्र समर्थकों को रियायत देने से इन्कार
हांगकांग कोर्ट ने फेस मास्क पर से प्रतिबंध हटाया, लोकतंत्र समर्थकों को रियायत देने से इन्कार

हांगकांग, आइएएनएस/एएफपी। हांगकांग कोर्ट ने फेस मास्क पर से प्रतिबंध हटा दिया है। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक पाए जाने की पूर्व की व्यवस्था को निलंबित करने का आग्रह ठुकरा दिया।

उधर देश की मुख्य कार्यकारी कैरी लाम ने अपनी बीजिंग यात्रा से पहले लोकतंत्र समर्थकों को किसी तरह की रियायत देने से इन्कार कर दिया। लोकतंत्र समर्थकों द्वारा चलाए गए इस आंदोलन के सोमवार को छह महीने हो गए। शुरुआत में प्रत्यर्पण कानून को लेकर शुरू हुआ आंदोलन बाद में चीन के शासन के विरोध में बदल गया।

हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जेरेमी पून शिउ और कोर्ट ऑफ अपील के वाइस प्रेसिडेंट जान्सन लाम ने मंगलवार को कहा कि वे संतुष्ट हैं कि सरकार की अपील सुनवाई के योग्य है, लेकिन यह भी पाया गया है कि अधिकारी निचली अदालत द्वारा असंवैधानिक घोषित किए जाने को निलंबित करने की जरूरत साबित करने में विफल रहे।

पूरी तरह से अनदेखा नहीं कर सकते: कैरी लाम

उधर लाम ने कहा कि हम केवल मांगों को पूरा करने के लिए कानून के शासन को पूरी तरह से अनदेखा नहीं कर सकते हैं। हम सभी समस्याओं की जांच के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जब वह शनिवार को बीजिंग यात्रा पर जाएंगी तो राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात में घटनाओं का पूर्ण विवरण पेश करेंगी। नवंबर के अंत में शहर के लोकतंत्र समर्थकों को स्थानीय चुनावों में शानदार जीत मिली थी। इस जीत को समर्थकों ने आंदोलन के बारे में जनमत संग्रह के रूप में वर्णित किया था।

गौरतलब है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान हांगकांग के मध्य मुख्य कारोबारी इलाके की धरती पर रविवार को काले रंग की चादर बिछ गई थी। जिस सड़क पर देखो-उसी से काले कपड़े पहने लोकतंत्र समर्थकों का रेला वहां पहुंच रहा था। बच्चे-बूढ़े और जवान, सभी के मुख से- आजादी के लिए हांगकांग के साथ खड़े हों, का नारा निकल रहा था। आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर आयोजित जनसभा में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया था। यह हाल के महीनों का सबसे बड़ा जमावड़ा था। 

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