कोरोना मरीजों के लिए खतरनाक है हाई ब्लड शुगर, पढ़ें- शोधकर्ताओं ने क्या कहा

स्पेन के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 11 हजार से अधिक मरीजों पर किया गया यह शोध जर्नल एनाल्स ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है। कहा गया कि अगर कोरोना मरीजों में हाइपरग्लेशिमिया का पता चलता है तो उसका प्रारंभिक उपचार अवश्य किया जाना चाहिए।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 05:47 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 05:47 PM (IST)
कोरोना मरीजों के लिए खतरनाक है हाई ब्लड शुगर, पढ़ें- शोधकर्ताओं ने क्या कहा
कोरोना मरीजों के लिए खतरनाक है हाई ब्लड शुगर।

मैड्रिड, आइएएनएस। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि हाई ब्लड शुगर से कोरोना मरीजों की मौत होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा उन मरीजों के साथ भी हो सकता है जो मधुमेह रोग से पीडि़त नहीं हैं। अध्ययन के निष्कर्षो से पता चलता है कि हाई ब्लड शुगर से कोरोना मरीजों के मौत होने की संभावना दूसरी अन्य बीमारियों से ग्रसित कोरोना मरीजों की तुलना में दो गुने से अधिक है।

स्पेन के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 11 हजार से अधिक मरीजों पर किया गया यह शोध जर्नल 'एनाल्स ऑफ मेडिसिन' में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन से इस बात का प्रमाण मिलता है कि हाइपरग्लेशिमिया (हाई ब्लड शुगर के लिए उपयोग होने वाला चिकित्सकीय शब्द) से कोरोना मरीजों में मौत होने की संभावना बढ़ जाती है। अध्ययन से इस बात का भी पता चला कि हाइपरग्लेशिमिया के चलते ज्यादा मरीजों को वेंटीलेटर और आइसीयू में रखना पड़ा।

स्पेन के जुआन रेमन जिमेनेज यूनिवर्सिटी अस्पताल से ताल्लुक रखने वाले शोध के सह लेखक जेवियर कैरास्को ने कहा कि अगर कोरोना मरीजों में हाइपरग्लेशिमिया का पता चलता है तो उसका प्रारंभिक उपचार अवश्य किया जाना चाहिए। मधुमेह पीडि़त मरीजों में हाइपरग्लेशिमिया एक आम समस्या है, लेकिन बीमारी और चोट लगने से यह बढ़ सकती है। अध्ययन के तहत मार्च से मई महीने के दौरान स्पेन के 100 अस्पतालों में भर्ती मरीजों के डाटा का अध्ययन किया गया। शोध में शामिल किए गए 11,312 मरीजों में से प्रत्येक की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक थी। ब्लड ग्लूकोज लेवल के हिसाब से इन्हें तीन समूहों में बांटा गया था और लगभग 19 फीसद लोग मधुमेह से पीडि़त थे। आइएएनएस

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