विदेशी सैनिकों के अफगानिस्तान से बाहर निकलने से हजारा समुदाय को सता रहा भविष्य का डर

हजारा समुदाय पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बसने वाली शिया मुस्लिमों की एक कौम है। शिया मुसलमान होने के नाते हजारा समुदाय के ऊपर अत्यातार होता रहा है। तालिबान शासन के दौरान हजारा समुदाय के लाखों लोगों का नरसंहार हुआ।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 12:40 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 12:40 PM (IST)
विदेशी सैनिकों के अफगानिस्तान से बाहर निकलने से हजारा समुदाय को सता रहा भविष्य का डर
अफगानिस्तान की 3.8 करोड़ आबादी में लगभग 10 से 20 प्रतिशत हजारा समुदाय के लोग हैं।

काबुल, एएफपी। अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों के बाहर जाने से यहां के अल्पसंख्यक हजारा समुदाय के लोग अपने भविष्य को लेकर डरे हुए हैं। अफगानिस्तान की 38 मिलियन (3.8 करोड़) आबादी में लगभग 10 से 20 प्रतिशत ही हजारा समुदाय के लोग बचे हैं, जो अक्सर तालिबान की बर्बर्ता का शिकार होते हैं। हजारा समुदाय के हमीदुल्लाह असदी कहते हैं कि उनके लिए यह सीधा विकल्प है कि वह अगले घातक हमले की प्रतीक्षा करें या पहाड़ों में बढ़ते सैन्य दल में शामिल हो जाए।

हाल ही में इस्लामिक स्टेट (IS) के एक आत्मघाती हमले में गंभीर चोटों से उबरने के महीनों के बाद हमीदुल्लाह ने सैन्य दल में शामिल होने का फैसला किया। असदी ने कहा कि हम हथियार उठाने के लिए मजबूर हो गए हैं। पिछले साल 29 फरवरी को अमेरिका और तालिबान के बीच करीब 18 महीनों की बातचीत के बाद एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गत नवंबर में युद्ध प्रभावित इस देश में सैनिकों की संख्या कम करने का आदेश दिया था।

अंतरराष्ट्रीय सैनिकों के आफगानिस्तान से हटते ही शांति वार्ता धीमी हो गई है। ऐसे में अफगान सुरक्षा बल तेजी से शक्तिशाली हो रहे तालिबान को खत्म करने के लिए संघर्ष कर रही है। हजारा समुदाय को डर है कि सरकार अगर गिरती है तो देश फिर से गृहयुद्ध में उतर जाएगा। इशको देखते हुए समुदाय के लोग सबसे बुरे दौर की तैयारी करने में जुट गए हैं।

हजारा समुदाय के लोग शिया मुसलमान होते हैं। जो ज्यादातर पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहते हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के शासन में हजारा समुदाय के ऊपर बहुत जुर्म हुए हैं। अफगानिस्तान में अधिकांश सुन्नी मुसलमान हैं, इसलिए हजारा समुदाय के ऊपर सदियों से जुर्म और भेदभाव किया जाता रहा है। तालिबान शासन के दौरान हजारा समुदाय के लाखों लोगों का नरसंहार कर दिया गया।

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