जी-20 देशों ने लिया अफगानिस्तान की आर्थिक सहायता करने का संकल्प

वीडियो कांफ्रेंस के जरिये आयोजित जी 20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन समेत यूरोप के कई नेताओं ने भाग लिया।अफगानिस्तान पर आयोजित इस सम्मेलन के बाद इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रागी ड्रागी ने कहा मानवीय आपातकाल से निपटने की जरूरत पर विचार किया जा रहा है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 05:08 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 05:08 AM (IST)
जी-20 देशों ने लिया अफगानिस्तान की आर्थिक  सहायता करने का संकल्प
जी-20 ने लिया अफगानिस्तान की सहायता करने का संकल्प

रोम, रायटर।  जी-20 के सदस्य देशों ने अफगानिस्तान को मानवीय संकट से निकालने के लिए उसकी सहायता करने का संकल्प लिया है। इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रागी ने कहा कि इसके लिए यदि तालिबान के साथ समन्वय की जरूरत पड़ेगी तो समूह वह काम भी करेगा। मंगलवार को अफगानिस्तान पर जी-20 सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रागी ड्रागी ने कहा, मानवीय आपातकाल से निपटने की जरूरत पर विचार किया जा रहा है।

वीडियो कांफ्रेंस के जरिये आयोजित सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन समेत यूरोप के कई नेताओं ने भाग लिया। हालांकि, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसमें शामिल नहीं हुए। इसको लेकर ड्रागी ने कहा कि इन दोनों नेताओं के भाग नहीं लेने से सम्मेलन का महत्व नहीं कम होता। उन्होंने कहा, अफगान संकट से निपटने के लिए यह पहला बहुपक्षीय सम्मेलन था। बहुपक्षवाद वापस आ रहा है, हालांकि कुछ समस्याएं हैं, लेकिन यह आ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में हिस्सा लेने के बाद कहा, 'अफगानिस्तान पर हुए G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिय और अफगान क्षेत्र को कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत बनने से रोकने पर जोर दिया है।'  सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने जोर दिया कि अफगान नागरिकों को तत्काल मानवीय सहायता की जरूरत है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान में महिलाओं और अल्पसंख्यकों की भागीदारी के साथ समावेशी प्रशासन की जरूरत को भी रेखांकित किया।

मोदी ने कहा कि हर भारतीय भूख और कुपोषण से जूझ रहे अफगानिस्तान नागरिकों के दर्द को समझता है। वहां पर हालात बेहतर करने के लिए सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के अनुरूप एकजुट होकर वैश्विक प्रयास करने की जरूरत है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने एकजुट होकर काम नहीं किया तो अफगानिस्तान की स्थिति में इच्छानुसार बदलाव लाना बहुत मुश्किल होगा। कट्टरपंथी विचारधारा का प्रसार रोकने के लिए उन्होंने समावेशी प्रशासन की भी वकालत की, ताकि पिछले 20 वर्षो से हासिल सामाजिक-आर्थिक उपलब्धियों को बरकरार रखा जा सके। इस शिखर सम्मेलन का आयोजन इटली की ओर से किया गया था, जो वर्तमान में जी-20 का अध्यक्ष है।

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