फ्रांस ने अमेरिका और आस्ट्रेलिया से वापस बुलाए अपने राजदूत, जानें क्या है पूरा मामला

फ्रांस ने परमाणु पनडुब्बी सौदा रद करने पर गुस्सा दिखाते हुए अमेरिका और आस्ट्रेलिया से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। इन देशों के बीच संबंध हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के एक नए त्रिपक्षीय गठबंधन की घोषणा के बाद बिगड़े हैं।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 03:07 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 03:07 PM (IST)
फ्रांस ने अमेरिका और आस्ट्रेलिया से वापस बुलाए अपने राजदूत, जानें क्या है पूरा मामला
पहली बार अमेरिका के अपने सबसे पुराने सहयोगी से संबंध बिगड़े

पेरिस, एपी। अमेरिका के सबसे पुराने सहयोगी फ्रांस ने परमाणु पनडुब्बी सौदा रद करने पर अप्रत्याशित रूप से गुस्सा दिखाते हुए अमेरिका और आस्ट्रेलिया दोनों ही देशों से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। 18 वीं सदी के दौरान फ्रांस और अमेरिका के बीच बने संबंधों में अब दरार आती दिखाई दे रही है।

इन देशों के बीच संबंध हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के एक नए त्रिपक्षीय गठबंधन की घोषणा के बाद बिगड़े हैं। गठबंधन के बाद आस्ट्रेलिया ने फ्रांस से 40 बिलियन डालर का पनडुब्बी का सौदा रद कर दिया है। अब वह पनडुब्बी अमेरिका से लेगा।

फ्रांस के विदेश मंत्री जीन यवेस ले ड्रियान ने लिखित बयान में कहा है कि अमेरिका और आस्ट्रेलिया की घोषणा बहुत ही गंभीर और असाधारण है। इसीलिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कहने पर यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा है कि सौदे को रद करना सहयोगी और पार्टनरों के बीच अस्वीकार्य व्यवहार है। राजदूत फिलिप एटियेन ने ट्वीट किया है कि डील रद करने की घोषणा यूरोप के लिए हिंद-प्रशांत के महत्व के हमारे दृष्टिकोण को सीधे प्रभावित कर रही है।

I am being recalled to Paris for consultations. This follows announcements directly affecting the vision we have of our alliances, of our partnerships and of the importance of the Indo-Pacific for Europe. https://t.co/ue2V1NUTpN

— Philippe Etienne (@Ph_Etienne) September 17, 2021

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि बाइडन प्रशासन राजदूत वापस बुलाने के फैसले को लेकर पेरिस से संपर्क में है। हम उनकी स्थिति को समझते हैं और आने वाले दिनों में इस समस्या को हल करने में लगे रहेंगे। इस पर अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र की साधारण सभा में भी वार्ता करेंगे। हालांकि यह पहली बार होगा कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों संयुक्त राष्ट्र की साधारण सभा को संबोधित नहीं करेंगे। उनके स्थान पर विदेश मंत्री यह दायित्व संभालेंगे।                                                          

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