हांगकांग में गिरफ्तार चार संपादकों पर विदेशी मिलीभगत के आरोप, चीनी प्रशासन का उत्पीड़न जारी
हांगकांग पुलिस ने गिरफ्तार डेली एपल के चार संपादकों पर विदेशी मिलीभगत के आरोप लगाए हैं।पांच ट्रेड यूनियन नेता देशद्रोह के आरोप में भेजे गए हैं जेल। हांग कांग के लोकतंत्र समर्थकों पर चीनी प्रशासन का उत्पीड़न जारी।
हांगकांग, एपी। हांगकांग पुलिस ने गिरफ्तार डेली एपल के चार संपादकों पर विदेशी मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। इन चारों संपादकों में तीन को कुछ हफ्ते पूर्व गिरफ्तार कर लिया गया था। एक पूर्व संपादक की बुधवार को गिरफ्तारी हुई है। इधर पुलिस ने पांच ट्रेड यूनियन नेताओं को भी देशद्रोह के आरोप में जेल भेज दिया। एपल डेली के मामले में गिरफ्तार चार संपादकों को अदालत में पेश किया गया।
अदालत ने इन चारों को जमानत देने से इन्कार कर दिया है। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में इन चारों संपादकों पर विदेश से मिलीभगत का आरोप लगाया है। इनमें एपल डेली के पूर्व एक्जीक्यूटिव एडीटर इन चीफ लैम मन चुंग भी शामिल हैं। लैम को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। इन चारों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत विदेश से मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप है।
इस अखबार के संस्थापक जिमी लाइ पहले से ही जेल में हैं। इनकी संपत्ति भी जब्त कर ली गई है। इसीलिये एपल डेली को कुछ हफ्तों पहले बंद करना पड़ा था। पुलिस ने गुरुवार को पांच ट्रेड यूनियन नेताओं को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके ऊपर प्रशासन, न्यायपालिका के प्रति घृणा फैलाने, देशद्रोही सामग्री के प्रकाशन, जनता को सरकार के खिलाफ उकसाने का मुकदमा दर्ज किया है।
अमेरिका समेत 21 देशों ने हांगकांग के अखबार एपल डेली की बंदी का किया विरोध
हांगकांग के एपल डेली अखबार को बलपूर्वक बंद कराए जाने और प्रशासन के अखबार के कर्मचारियों को गिरफ्तार करने के खिलाफ बीस से अधिक देशों ने चिंता जताई है। मीडिया फ्रीडम कोएलेशन में शामिल आस्ट्रेलिया, आस्टि्रया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, आइसलैंड और ब्रिटेन समेत 21 देशों की सरकारों की ओर से जारी बयान में इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की गई है।
पिछले महीने ही एपल डेली का अंतिम संस्करण प्रकाशित हुआ था। उसी संस्करण में अखबार ने बताया था कि उन पर दबाव डालकर उन्हें अखबार का प्रकाशन बंद करने के लिए विवश किया गया है। इस अखबार के संपादकों पर हांगकांग के पिछले साल लागू नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। पिछले कुछ समय से हांगकांग में चीनी शासन के दबाव में मीडिया पर सख्ती की जा रही है।