मलेशिया के पूर्व पीएम का विवादित बयान, कहा- मुसलमानों को है लाखों फ्रांसीसियों को मारने का अधिकार
गुरुवार को महाथिर मोहम्मद ने अपने निजी ट्विटर हैंडल से 13 ट्वीट्स की एक श्रृंखला पोस्ट की और पश्चिमी देशों में महिलाओं के कपड़ों पश्चिम के अपने धर्म के पालन अन्य चीजों के बीच लैंगिक समानता और फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बारे में मुद्दों पर अपनी राय दी है।
कुआलालंपुर, एजेंसिंया। मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने फ्रांस और मुस्लिम जगत के विवाद में घिर गए और एक विवादित बयान देते हुए कहा कि मुसलमानों को गुस्सा करने और 'लाखों फ्रांसीसी लोगों को मारने' का अधिकार है। औपनिवेशिक समय के एक स्पष्ट संदर्भ में मोहम्मद ने अतीत के 'नरसंहारों' का उल्लेख करके इस अधिकार को सही ठहराया है।
गुरुवार को महाथिर मोहम्मद ने अपने निजी ट्विटर हैंडल से 13 ट्वीट्स की एक श्रृंखला पोस्ट की और पश्चिमी देशों में महिलाओं के कपड़ों, पश्चिम के अपने 'धर्म' के पालन, अन्य चीजों के बीच लैंगिक समानता और फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बारे में मुद्दों पर अपनी राय दी है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन को 'सभ्य' नहीं होने और मुसलमानों और इस्लाम धर्म को नीचा दिखाने का आरोप लगाया है।
मलेशिया के प्रधानमंक्षी ने पहला ट्वीट 'RESPECT OTHERS' शब्दों के साथ शुरू किया, लेकिन उन्होंने चेचन युवाओं द्वारा फ्रांसीसी शिक्षक की हत्या को मंजूरी नहीं दी।
मोहम्मद के ट्वीट उस दिन आए हैं जब एक हमलावर ने फ्रांस के नीस शहर में एक महिला सहित कम से कम तीन लोगों की हत्या कर दी। घटना को 'आतंकवादी' हमले के रूप में माना जा रहा है।
पश्चिम में महिलाओं के पहनावे पर भी उठाए सवाल
अपने ट्वीट में महिलाओं के पहनावे पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा कि पश्चिम में महिलाओं के कपड़ों पर एक वक्त में बहुत प्रतिबंध थे। चेहरे को छोड़कर शरीर का कोई हिस्सा खुला नहीं रहता है लेकिन धीरे-धीरे शरीर के कई अंग एक्सपोज किए जाने लगे। कई तटों पर बिलकुल कपड़े नहीं पहने जाते। पश्चिम में लोग इसे सामान्य मानते हैं लेकिन पश्चिम को दूसरों पर इसे बलपूर्वक नहीं थोपना चाहिए। ऐसा करने से इन लोगों की आजादी छीनी जाती है।
बता दें कि मोहम्मद इस साल फरवरी तक मलेशिया के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने सितंबर 2019 में अपने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) संबोधन में कश्मीर में भारत को 'आक्रमणकारी और कब्जा करने वाला' कहा था। इसके जवाब में भारत ने मलेशिया का आर्थिक बहिष्कार शुरू कर दिया था। विशेष रूप से भारत ने मलेशिया से पाम ऑयल का बहिष्कार कर दिया था। जिसके चलते मलेशिया पर भारी बोझ बड़ गया था।