अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई बोले- तालिबान अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा महिलाओं के अधिकारों और राष्ट्रीय ध्वज के संबंध में प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं किया है। करजई के अनुसार तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा महिलाओं के अधिकार राष्ट्रीय ध्वज और अन्य राष्ट्रीय मूल्यों का वादा किया था

By TaniskEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 03:23 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 03:23 AM (IST)
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई बोले- तालिबान अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ।

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा, महिलाओं के अधिकारों और राष्ट्रीय ध्वज के संबंध में प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं किया है। द खामा प्रेस न्यूज एजेंसी ने बताया कि करजई ने अपने हालिया साक्षात्कार में कहा कि तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा, महिलाओं के अधिकार, राष्ट्रीय ध्वज और अन्य राष्ट्रीय मूल्यों का वादा किया था, लेकिन वादों का कोई कार्यान्वयन अभी तक नहीं देखा गया है। उन्होंने कहा कि तालिबान के साथ अपनी बातचीत के दौरान, उन्होंने मुख्य रूप से तीन चीजों पर ध्यान केंद्रित किया था, जो लड़कियों की शिक्षा, अफगान समाज में महिलाओं की प्रतिष्ठा और एक समावेशी सरकार हैं।

द खामा प्रेस न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि अफगानिस्तान के लोगों को एक ऐसी सरकार की जरूरत है, जिसमें वे बिना किसी डर के रह सकें। दुनिया के साथ अच्छे संबंध रखे। विकास के लिए काम करे और लोगों को खुशी से जीने दे। करजई ने कहा, 'हमें एक कैबिनेट की जरूरत है जो पूरे अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करे, इसमें सभी जातियों की महिलाओं और लोगों को देखा जाता है, लेकिन तालिबान ने जो घोषणा की है वह इसके अनुरूप नहीं है।'

लड़कियों की शिक्षा के अलावा देश के विकास का कोई और रास्ता नहीं

लड़कियों के स्कूल बंद होने पर पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा के अलावा देश के विकास का कोई और रास्ता नहीं है। इसके अलावा, करजई ने कहा कि अफगान लोग अभी भी अपने भविष्य को लेकर डरते हैं। खासकर जब उनकी बेटियों के भविष्य की बात आती है और तथाकथित एकाधिकार वाली कैबिनेट ने लोगों के बीच चिंता पैदा कर दी है। तालिबान इस्लामी कानून की कठोर व्याख्या के अनुसार शासन कर रहा है। हालांकि संगठन ने हाल के वर्षों में अधिक संयम बरतने की बात कही है, लेकिन अफगान संशय में हैं। 

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