26/11 Mumbai Attack: यूरोपीय संसद सदस्यों ने पाकिस्तान के खिलाफ रखी कार्रवाई की मांग, कहा- आतंकवाद विश्व के लिए चिंता का विषय
यूरोपीय संसद के सदस्यों और विशेषज्ञों ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की है। साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा है।
रोम, एएनआई: यूरोपीय संसद के सदस्यों और विशेषज्ञों ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की है। साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा है। मुंबई आतंकी हमले की 13वीं बरसी के मौके पर ग्लोकल सिटीज के सहयोग से भारतीय दूतावास, रोम द्वारा आयोजित एक वेबिनार कार्यक्रम में यह मांग रखी गई है।
भारतीय राजदूत डा. नीना मल्होत्रा के अलावा, वेबिनार में कई प्रसिद्ध वक्ताओं ने भाग लिया। जिसमें यूरोपीय संसद सदस्य गियाना गैंसिया, पूर्व विदेश मंत्री राजदूत गिउलिओ टेरज़ी, किंग्स कॉलेज, लंदन के शोधकर्ता मौरो बोनविटा और कोरिएरे डेला सेरा पत्रकार डैनिलो टैनो शामिल थे। अपने उद्घाटन भाषण में, राजदूत मल्होत्रा ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि, मुंबई आतंकी हमले के पीछे की सच्चाई का पूरी दुनिया को पता है । अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमले के मास्टरमाइंड और अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाए। उन्होंने कहा कि, विश्वसंगठनों को पाकिस्तान से जवाब मांगना चाहिए। जिसने न सिर्फ भारत के खिलाफ आतंकवाद को पनपने के लिए अपनी जगह का इस्तेमाल करने दिया। बल्कि हिंसक जिहाद में शामिल आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने में भी विफल रहा है।
वहीं, यूरोपीय संसद सदस्य गियाना गांसिया ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, पाकिस्तान की अदालतों द्वारा लश्कर-ए-तैयबा के छह सदस्यों के खिलाफ दोषों का गलत ठहराना न केवल 26/11 हमले के पीड़ितों के लिए बल्कि बड़े पैमाने पर दुनिया के लिए एक बहुत ही चिंता का विषय है।
वेबिनार में शामिल पत्रकार टैनो ने अपने विचार रखते हुए कहा कि, 26/11 के हमलों में पाकिस्तान की भूमिका ने आतंक का एक नया प्रतिमान बनाया और बाद में पेरिस के बाटाक्लान में हुए हमलों में इसे दोहराया गया। यह न केवल पाकिस्तान के लोकतंत्र के लिए बल्कि बाकी दुनिया के लिए भी चिंताजनक है।