यूरोप में बाढ़ से अब तक 196 लोगों की मौत, हर तरफ फैला है तबाही का मंजर, बुनियादी ढांचे का बड़े पैमाने पर नुकसान

पश्चिमी यूरोप के कई हिस्सों में आई बाढ़ के कारण अब तक करीब 196 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं सैकड़ों लोग लापता हैं। इस बीच जर्मन अधिकारियों ने बाढ़ के दौरान किए गए बचाव कार्य को लेकर सफाई दी है।

By Amit KumarEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 10:52 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 10:52 PM (IST)
यूरोप में बाढ़ से अब तक 196 लोगों की मौत, हर तरफ फैला है तबाही का मंजर, बुनियादी ढांचे का बड़े पैमाने पर नुकसान
यूरोप के कई हिस्सों में आई बाढ़ के कारण अब तक करीब 196 लोगों की मौत

बर्लिन,एजेंसियां: पश्चिमी यूरोप के कई हिस्सों में आई बाढ़ के कारण अब तक करीब 196 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं सैकड़ों लोग लापता हैं। इस बीच जर्मन अधिकारियों ने बाढ़ के दौरान किए गए बचाव कार्य को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि, हाल में आई बाढ़ से हमें सबक लेने की जरूरत है।

तबाही के बाद आरोप-प्रत्यारोप शुरू

बाढ़ग्रस्त इलाके में प्रशासन द्वारा लगातार राहतकार्य का संचालन किया जा रहा है। साथ ही पश्चिमी जर्मनी, पूर्वी बेल्जियम और नीदरलैंड में बाढ़ बाद बनी दलदल की स्थिति को साफ करने की कोशिशों को तेज कर दिया गया है। वहीं बाढ़ के बाद सबसे बुरी तरह से प्रभावित जर्मन क्षेत्र राइनलैंड-पैलेटिनेट में अब तक 117 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि पड़ोसी राज्य नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया में 47 लोगों के मारे जाने की खबर है। साथ ही बवेरिया में वीकेंड के दौरान आई बाढ़ में कम से कम एक की मौत होने की आशंका है, बेल्जियम में मरने वालों की संख्या 31 है।

मृतकों के आंकड़े बढ़ने की आशंका

राहत कार्य में लगे अधिकारियों के मुताबिक बाढ़ के दौरान ढह गए घरों के मलवे में और मृतकों के मिलने की आशंका है। लेकिन आंतरिक मंत्री होर्स्ट सीहोफ़र ने सभी तरह की आलोचनाओं को खारिज करत हुए कहा है कि, त्रासदी को लेकर स्थानीय अधिकारियों को चेतावनी जारी कर दी गई थी, उन्हें ही आपदा के वक्त सुरक्षा को लेकर निर्णय लेने का अधिकार है।

बुनियादी ढांचे को नुकसान

जर्मनी के राइनलैंड-पैलेटिनेट राज्य के अधिकारियों के मुताबिक, वे बाढ़ के लिए अच्छी तरह से तैयार थे और नगर पालिकाओं को सतर्क कर दिया गया और कार्रवाई की गई। लेकिन राज्य के आंतरिक मंत्री, रोजर लेवेंट्ज़ ने रविवार को चांसलर एंजेला मर्केल के साथ शुल्ड गांव का दौरा करने के बाद बताया की, बुनियादी ढांचे को बहुत अधिक नुकसान हुआ है। बिजली-पानी समेत तमाम सुविधाओं की हानी हुई है। साथ ही इलाके में मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से धवस्त हो गया है, जिससे लोग एक दूसरे से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।

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