चीनी समकक्ष से मिले जयशंकर, कहा- शांति के लिए पूर्वी लद्दाख से सेनाओं की वापसी जरूरी

विदेश मंत्री जयशंकर ने दुशांबे में अपने चीनी समकक्ष वांग से मुलाकात की। जयशंकर और वांग शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठकों में भाग लेने के लिए दुशांबे में हैं। जयशंकर ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र से सेना हटाने और शांति की बहाली को लेकर चर्चा हुई।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 01:38 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 01:38 AM (IST)
चीनी समकक्ष से मिले जयशंकर, कहा- शांति के लिए पूर्वी लद्दाख से सेनाओं की वापसी जरूरी
शांति के लिए पूर्वी लद्दाख से सेनाओं को हटाने की प्रक्रिया में प्रगति जरूरी

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने गुरुवार को दुशांबे में अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए पूर्वी लद्दाख में सेनाएं पीछे करने की प्रक्रिया में प्रगति को जरूरी बताया।

जयशंकर और वांग, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठकों में भाग लेने के लिए दुशांबे में हैं। जयशंकर ने ट्वीट करके बताया कि हमने सीमावर्ती क्षेत्र से सेनाएं हटाने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि शांति की बहाली के लिए इस संबंध में प्रगति आवश्यक है। यह द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए भी जरूरी है।

Met Chinese FM Wang Yi on the sidelines of SCO Summit in Dushanbe.

Discussed disengagement in our border areas. Underlined that progress in this regard is essential for restoration of peace and tranquillity, which is the basis for development of bilateral ties. pic.twitter.com/wmO0sxeWwL

— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 16, 2021

बैठक के बाद, जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों ने वैश्विक विकास पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने कहा कि भारत सभ्यताओं के टकराव के सिद्धांत का पक्षधर नहीं है। समझा जाता है कि बैठक में अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर भी चर्चा हुई। जयशंकर ने कहा कि यह भी जरूरी है कि चीन भारत के साथ अपने संबंधों को किसी तीसरे देश की नजर से न देखे। उन्होंने कहा कि जहां तक एशियाई एकजुटता का सवाल है, इसके लिए चीन और भारत को एक उदाहरण स्थापित करना है।

गतिरोध खत्म होने पर ही सेनाओं को पीछे हटाने पर विचार संभव

इस बीच प्रेट्र के अनुसार नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन से लगती सीमा पर हालिया स्थिति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हमारा रुख वही है कि बाकी बचे इलाकों में गतिरोध खत्म होने से दोनों पक्षों के लिए सेनाओं को पीछे हटाने पर विचार करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है, पूर्ण शांति एवं सद्भाव की बहाली सुनिश्चित हो सकती है और द्विपक्षीय रिश्तों में प्रगति संभव हो सकती है।

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