ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति से मिले विदेश मंत्री जयशंकर, अफगानिस्तान संकट पर हुई चर्चा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और ताजिकिस्तान आतंकवाद से लड़ने और कट्टरपंथ के खिलाफ मजबूत साझेदार हैं।उन्होंने अपने ताजिक समकक्ष से मुलाकात के बाद ट्वीट किया कि यहां पहुंचने पर ताजिक विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरीद्दीन के साथ अच्छी चर्चा हुई।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 11:22 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 11:22 PM (IST)
ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति से मिले विदेश मंत्री जयशंकर,  अफगानिस्तान संकट पर हुई चर्चा
जयशंकर ने ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति से की अफगानिस्तान संकट पर चर्चा

दुशांबे, प्रेट्र।  विदेश मंत्री एस. जयशंकर (EAM S Jaishankar)  ने गुरुवार को ताजिकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम और क्षेत्रीय सुरक्षा पर पड़ने वाले उसके प्रभावों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।जयशंकर, तालिबान के अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद वहां की स्थिति पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक अहम बैठक में भाग लेने के लिए ताजिकिस्तान की राजधानी में हैं। उन्होंने ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमली रहमान ( President Emomali Rahmon) से मुलाकात की।

A good discussion on arrival with Tajik FM Sirojiddin Muhriddin.

Look forward to continuing it tomorrow. pic.twitter.com/B1kpOYgWgX

— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 16, 2021

ताजिकिस्तान को बताया कट्टरपंथ के खिलाफ मजबूत साझेदार

जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने ताजिक राष्ट्रपति इमोमली रहमान द्वारा अगवानी करने पर उन्हें धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दीं। अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रमों और क्षेत्रीय सुरक्षा पर उसके प्रभाव पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने कहा कि भारत और ताजिकिस्तान आतंकवाद से लड़ने और कट्टरपंथ के खिलाफ मजबूत साझेदार हैं।उन्होंने अपने ताजिक समकक्ष से मुलाकात के बाद ट्वीट किया कि यहां पहुंचने पर ताजिक विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरीद्दीन के साथ अच्छी चर्चा हुई। कल भी चर्चा जारी रहने को लेकर आशान्वित हूं।

जयशंकर ने किर्गिस्तान के अपने समकक्ष रूसलन कजाकबेव से भी मुलाकात की और दोनों नेता क्षेत्रीय एवं बहुपक्षीय मुद्दों पर परंपरागत सहयोग मजबूत करने को राजी हुए। जयशंकर के अपने रूसी और ईरानी समकक्षों सहित अन्य के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना है। प्रधानमंत्री मोदी के 17 सितंबर को वार्षिक एससीओ शिखर बैठक में डिजिटल माध्यम से भाग लेने का कार्यक्रम है। भारत और पाकिस्तान 2017 में एससीओ के स्थायी सदस्य बनाये गए थे।

Delighted to meet Kyrgyz Republic FM Ruslan Kazakbaev.

Noted our growing development partnership. Agreed to strengthen our traditional cooperation on regional and multilateral issues. pic.twitter.com/epKdLfihJF— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 16, 2021

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