Australia Politics: डिप्‍टी पीएम जॉयस की नीति की निंदा, राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए पर्यावरण को ताक पर रखा

देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री बरनबी जॉयस एक बार फिर नेशनल पार्टी के नेता बना गए हैं। वह साल 2016 से लकेर 2018 तक देश के उप प्रधानमंत्री थे लेकिन एक पूर्व कर्मचारी के साथ संबंधों को लेकर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 05:51 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 08:23 PM (IST)
Australia Politics: डिप्‍टी पीएम जॉयस की नीति की निंदा, राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए पर्यावरण को ताक पर रखा
डिप्‍टी पीएम जॉयस की नीति की निंदा, राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए पर्यावरण को ताक पर रखा। फाइल फोटो।

कैनबरा, एजेंसी। बिजली के लिए कोयले पर निर्भरता के कारण ऑस्ट्रेलिया दुनिया में प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जित करने वाला देश है, लेकिन देश की सरकार इस मामले में कोयला उद्योग का ही समर्थन करती रही है। उनके मुताबिक इस उद्योग के खिलाफ सख्त कार्रवाई से हजारों लोगों की नौकरियों पर संकट आ जाएगा।

2050 कर जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य

देश के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने हाल ही के महीनों में अपनी पक्ष रखते हुए कहा था कि ऑस्ट्रेलिया जल्द से जल्द जीरो कार्बन उत्सर्जित करने वाला देश बनना चाहता है और ये 2050 तक संभव भी है, लेकिन इस तकनीक को राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं पूरी करने के लिए नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

वोटिंग में जॉयस ने मारी बाजी

देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री बरनबी जॉयस एक बार फिर नेशनल पार्टी के नेता बना गए हैं। वह साल 2016 से लकेर 2018 तक देश के उप प्रधानमंत्री थे, लेकिन एक पूर्व कर्मचारी के साथ संबंधों को लेकर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। हाल ही में हुई वोटिंग के दौरान उन्होंने माइकल मैककॉरमेक को हराकर नेशनल पार्टी के नेता का पद हासिल कर लिया है। साथ ही परंपरा के अनुसार ही उन्हें लिबरल-नेशनल सरकार में उप प्रधानमंत्री का पद भी दिया जाएगा। जॉयस मंगलवार को देश के उप प्रधान मंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। इस दैरान उन्होंने कहा कि, उनकी पार्टी केवल एक ऊर्जा नीति का समर्थन करेगी जो ऑस्ट्रेलिया रीजनल इलाकों में सरकार की पकड़ को मजबूत करेगा, क्योंकि वो क्षेत्र जीवाश्म ईंधन की खनन पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है। कैनबरा में मीडिया से बातचीत में जॉयस ने कहा कि वह चाहते हैं कि, उनके पास एक प्रक्रिया हो, जिससे वह केंद्रीय क्वींसलैंड जैसे इलाकों में जा सकें, ताकि अगले चुनाव में उनकी पार्टी एक मजबूत स्थिति में हो। जॉयस के इस तरह से बयान प्रधानमंत्री की भविष्य कि जीरो कार्बन उत्सर्जित योजना के लिए खतरे का संकेत है। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर हेडन मैनिंग ने कहा कि जॉयस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह चाहते हैं कि राष्ट्रीय पार्टी स्वतंत्र हो और 2050 तक नेट जीरो पर समझौता करने के लिए कोई जगह नहीं होगी। साथ ही जॉयस ने पहले भी कहा था कि वह किसी भी सरकारी कानून के खिलाफ मतदान करने को तैयार हैं। जिसमें पर्यावरण के बदले हजारों नौकरियों के लिए खतरा होगा।
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