नेपाल में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही, मरने वालों की संख्या 88 पहुंची

नेपाल के 20 जिलों में प्राकृतिक आपदा आई है। बझांग जिले में 21 लोग लापता हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बुधवार को 63 लोगों की मौत हुई जबकि मंगलवार को मरने वालों की संख्या 14 थी।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 01:20 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 01:20 PM (IST)
नेपाल में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही, मरने वालों की संख्या 88 पहुंची
पूर्वी नेपाल के एक जिले पंचथर में सबसे अधिक 27 मौतें दर्ज की गई हैं।

काठमांडू, पीटीआइ। नेपाल में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन से 11 और लोगों की मौत हो गई है। गुरुवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 88 हो गई है। मंत्रालय के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक इन घटनाओं में 30 लोग लापता हैं।

पूर्वी नेपाल के एक जिले पंचथर में सबसे अधिक 27 मौतें दर्ज की गई हैं। इसके बाद इलम और दोती जिलों में 13-13 मौतें हुई हैं। कालीकोट, बैताडी, दडेलधुरा, बजंग, हुमला, सोलुखुम्बु, प्यूथन, धनकुटा, मोरंग, सुनसारी और उदयपुर सहित 15 अन्य जिलों से भी लोगों की मौत की खबर है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पिछले तीन दिनों में लगातार बारिश के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में आई बाढ़, भूस्खलन और बाढ़ की हालिया घटनाओं में कम से कम 88 लोगों की जान चली गई। गुरुवार सुबह 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि बुधवार को 63 लोगों की मौत हुई, जबकि मंगलवार को मरने वालों की संख्या 14 थी।

नेपाल के 20 जिलों में प्राकृतिक आपदा आई है। बझांग जिले में 21 लोग लापता हो गए हैं। हालांकि गुरुवार से मौसम की स्थिति में सुधार होना शुरू हो गया है। इस बीच, गृह मंत्री बालकृष्ण खंड ने नेपाल पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल, राष्ट्रीय जांच विभाग और नेपाल सेना को हुमला जिले में फंसे विदेशी पर्यटकों को तुरंत निकालने का निर्देश दिया है।

चार स्लोवेनियाई पर्यटकों और तीन गाइड सहित 12 लोग काठमांडू से 700 किलोमीटर पश्चिम में हुमला जिले के नखला में फंसे हुए हैं। भारी हिमपात के कारण लिमी क्षेत्र में सड़क अवरुद्ध हो गई थी। हुमला के मुख्य जिला अधिकारी गणेश आचार्य ने कहा कि वे लिमी में अपना ट्रेकिंग अभियान पूरा करने के बाद सिमीकोट वापस जा रहे थे।

रविवार से इलाके में हिमपात शुरू हो गया था और खराब मौसम के कारण बुधवार को बचाव कार्य नहीं हो सका। अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने बचाव अभियान चलाने के लिए गृह मंत्रालय से हेलीकाप्टर मांगा है।

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