कोरोना वैक्सीन आने के बाद भी 2021 में हर्ड इम्यूनिटी की कोई संभावना नहीं : WHO

कोरोना वायरस महामारी के रोकने के लिए दुनियाभर के कई देशों में टीकाकरण शुरू हो गया है और कई देशों में शुरू होने वाला है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने है कि कोरोना टीकाकरण शुरू होने के बाद भी इस साल हर्ड इम्यूनिटी विकसित होने की संभावना नहीं है।

By TaniskEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 10:53 AM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 10:53 AM (IST)
कोरोना वैक्सीन आने के बाद भी 2021 में हर्ड इम्यूनिटी की कोई संभावना नहीं : WHO
वैक्सीन आने के बाद भी 2021 में हर्ड इम्यूनिटी की संभावना नहीं।

जेनेवा, एपी। कोरोना वायरस महामारी के रोकने के लिए दुनियाभर के कई देशों में टीकाकरण शुरू हो गया है और कई देशों में शुरू होने वाला है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक प्रमुख वैज्ञानिक की बात लोगों को मायूस कर सकती है। प्रमुख वैज्ञानिक ने चेतावनी दी है कि कोरोना टीकाकरण शुरू होने के बाद भी इस साल हर्ड इम्यूनिटी विकसित होने की संभावना नहीं है। सोमवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में, डॉ. सौम्य स्वामीनाथन ने कहा कि निकट भविष्य में कई देशों को कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए शारीरिक दूरी समेत अन्य सख्त उपायों पर ही निर्भर होना होगा। हाल के सप्ताहों में, ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, इजरायल और नीदरलैंड समेत अन्य देशों ने अपने नागरिकों को कोरोना का टीका लगाना शुरू कर दिया है।

स्वामीनाथन ने कहा कि भले ही वैक्सीन संवेदनशील लोगों की रक्षा करना शुरू कर दे, लेकिन 2021 में हम हर्ड इम्यूनिटी विकसित नहीं कर पाएंगे। अगर यह जगहों या कुछ देशों में ऐसा होता है, तो भी यह दुनियाभर के लोगों की रक्षा करने वाला नहीं है। वैज्ञानिक के अनुसार आमतौर पर हर्ड इम्यूनिटी के लिए लगभग 70% टीकाकरण दर की आवश्यकता होती है। इससे किसी बीमारी के खिलाफ पूरी आबादी सुरक्षित हो जाती है। लेकिन कोरोना काफी संक्रामक है, ऐसे में कुछ का मानना है इसके लिए 70 फीसद से बात नहीं बनेगी। 

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक के सलाहकार डॉ. ब्रूस आयलवर्ड ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी उम्मीद कर रही है कि कोरोना वायरस टीकाकरण इस महीने के अंत में या फरवरी में दुनिया के कुछ गरीब देशों में शुरू हो सकता है। वैश्विक समुदाय से सभी देशों तक टीकों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ को कमजोर आबादी के टीकाकरण शुरू करने के लिए विशेष रूप से टीका निर्माताओं के सहयोग की आवश्यकता है।

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