Coronavirus Effect: 4 हफ्तों में काम की तलाश में भारत आए करीब 22 हजार नेपाली प्रवासी मजदूर
Coronavirus Effect कुल 76048 प्रवासी श्रमिक नेपालगंज सीमा बिंदु के माध्यम से 15 सितंबर तक नेपाल लौट आए हैं। लगभग 40000 भारतीय नागरिक सीमा के माध्यम से एक ही समय के दौरान घर लौट आए। राशन कार्ड रखने वाले नेपालियों ने भारत वापस जाना शुरू कर दिया है।
काठमांडू, आइएएनएस। Coronavirus Effect, कोरोना महामारी संकट ने प्रवासी मजदूरों पर सबसे गहरा असर डाला है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल में चल रहे कोरोना वायरस महामारी के खतरों के बावजूद कम से कम 22,000 नेपाली प्रवासी मजदूर, नेपगंज सीमा क्षेत्र में काम करने के लिए नेपालगंज सीमा बिंदु के माध्यम से पिछले चार हफ्तों में भारत के लिए रवाना हुए हैं। द हिमालयन टाइम्स ने जमुनाहा पुलिस कार्यालय नेपालगंज में एसआई बिष्णु गिरी के हवाले से बताया कि मजदूर लंबे समय तक लॉकडाउन के बाद भारत के लिए रवाना हो गए है। कोविद-19 आशंकाओं ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है।
एसआई गिरी के अनुसार, कुल 76,048 प्रवासी श्रमिक नेपालगंज सीमा बिंदु के माध्यम से 15 सितंबर तक नेपाल लौट आए हैं। उनके मुताबिक, लगभग 40,000 भारतीय नागरिक सीमा के माध्यम से एक ही समय के दौरान घर लौट आए। गिरि ने कहा कि राशन कार्ड रखने वाले नेपालियों ने भारत वापस जाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इलाज, दवा खरीद और मरीजों से मिलने के लिए सीमा के माध्यम से देश में प्रवेश करने और बाहर निकलने की अनुमति दी गई है।
हिमालयन टाइम्स ने गिरि के हवाले से कहा कि हमने सिफारिश पत्र और पहचान पत्र के आधार पर नेपाल-भारत सीमा पर लोगों की आवाजाही की अनुमति दी है। भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने नेपालगंज बॉर्डर पॉइंट पर नेपालियों के प्रवेश पर सख्ती कर दी। बिना भारतीय पहचान पत्र के कई लोग कैलाली के त्रिनगर बॉर्डर पॉइंट से भारत जाने लगे। डांग, बांके, बरदिया, जजरकोट, सुरखेत, दलेलेख, जुमला, सल्यान, रुकुम और कलिकोट के लोग काम के लिए भारत जाते हैं।
खास बातें-
कोरोना महामारी के खतरों के बावजूद कम से कम 22,000 नेपाली प्रवासी मजदूर बीते 4 हफ्तों में भारत आए।
मजदूर लंबे समय तक लॉकडाउन के बाद भारत के लिए रवाना हो गए है। कोविद-19 आशंकाओं ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है।