वैक्सीन की तकनीक के हस्तांतरण पर डब्ल्यूटीओ में मंथन, संपन्न देश रुख बदलने को तैयार नहीं
बौद्धिक संपदा नियमों में ढील देने के मसले पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के राजदूतों ने बुधवार को फिर से विचार शुरू किया। कोविड-19 से बचाव की वैक्सीन की उपलब्धता के सिलसिले में संपन्न देशों पर तकनीक हस्तांतरण का दबाव बढ़ रहा है।
जेनेवा, एजेंसियां। बौद्धिक संपदा नियमों में ढील देने के मसले पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के राजदूतों ने बुधवार को फिर से विचार शुरू किया। कोविड-19 से बचाव की वैक्सीन की उपलब्धता के सिलसिले में संपन्न देशों पर तकनीक हस्तांतरण का दबाव बढ़ रहा है। ये वे संपन्न देश जिन्होंने वैक्सीन बना ली है लेकिन दुनिया की आवश्यकता के अनुसार वे उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं या सस्ती दर पर दे नहीं रहे हैं। इससे दुनिया के गरीब देश वैक्सीन से वंचित हैं।
डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तकनीक हस्तांतरण की आवश्यकता जताई
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दुनिया के सभी देशों में वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तकनीक हस्तांतरण की आवश्यकता जताई है। इससे भारत और दक्षिण अफ्रीका जैसे वैक्सीन बनाने में सक्षम देशों की कंपनियां तेजी से उत्पादन कर गरीब देशों को लाभ पहुंचा सकेंगी।
डब्ल्यूएचओ ने कहा- दुनिया को कोरोना से निजात दिलाने के लिए वैक्सीन जरूरी
डब्ल्यूएचओ ने साफ कर दिया है कि दुनिया को कोरोना से निजात दिलाने के लिए यह जरूरी है। इसके बगैर कोरोना संक्रमण कुछ-कुछ महीनों के अंतर पर बार-बार दुनिया पर अपना असर दिखाता रहेगा। भारत और दक्षिण अफ्रीका की ओर से डब्ल्यूटीओ में तकनीक हस्तांतरण की बाबत बीते अक्टूबर महीने में प्रस्ताव आया था। लेकिन उस पर चर्चा आगे नहीं बढ़ पाई थी।
विरोध: तकनीक के हस्तांतरण से संपन्न देशों की कंपनियों के हितों पर चोट लगेगी
तकनीक के हस्तांतरण के विरोधियों का तर्क है कि इससे संपन्न देशों की कंपनियों के हितों पर चोट लगेगी। जिसका असर भविष्य में होने वाले शोध और उनके लिए होने वाले निवेश पर पड़ सकता है। फिलहाल विरोधाभासों की जो स्थिति है उसमें बुधवार और गुरुवार को होने वाली राजदूतों की बैठक में कोई सहमति बनने के आसार कम हैं।
पक्ष: विकसित और विकासशील देशों के बीच वैक्सीन को लेकर अंतर नहीं रहने दिया जाएगा
लेकिन तकनीक हस्तांतरण के पक्षधर कुछ लोगों को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के आए इस बयान से उम्मीद बंधी है कि विकसित और विकासशील देशों के बीच वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर अंतर नहीं रहने दिया जाएगा। इस बीच पता चला है कि डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक गोजी ओकोंजो-इवेला ने सभी सदस्य देशों से अपने-अपने तर्को के साथ मसले पर रिपोर्ट मांगी है।