एक महीने में 12वीं बार चीनी सैन्य विमान ने ताइवान में की फिर घुसपैठ, अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा ड्रैगन

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की कि रविवार को एडीआइजेड के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) शानक्सी वाई -8 पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान को ट्रैक किया गया। जवाब में ताइवान ने अपना विमान भेजा और रेडियो चेतावनी प्रसारित की।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 12:06 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 12:24 PM (IST)
एक महीने में 12वीं बार चीनी सैन्य विमान ने ताइवान में की फिर घुसपैठ, अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा ड्रैगन
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स की यह ताइवान में 12वीं घुसपैठ

ताइपे, एएनआइ। चालबाज चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। ताइवान में उसने एक बार फिर घुसपैठ की है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार एक चीनी सैन्य विमान ने रविवार दोपहर ताइवान के वायु पहचान क्षेत्र (ADIZ) में प्रवेश किया। इस महीने चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स की यह ताइवान में 12वीं घुसपैठ है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की कि रविवार को एडीआइजेड के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) शानक्सी वाई -8 पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान को ट्रैक किया गया। जवाब में ताइवान ने अपना विमान भेजा और रेडियो चेतावनी प्रसारित की। इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा कि चीनी विमान को ट्रैक करने के लिए ताइवान ने वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली तैनात की हुई है।

मंत्रालय ने बताया कि इस महीने अब तक चीन के सभी विमान धीमी गति से उड़ने वाले टर्बोप्रॉप रहे हैं और इसमें पनडुब्बी रोधी युद्ध, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और टोही संस्करण शामिल रहे।

पिछले साल के मध्य सितंबर के बाद से बीजिंग ने नियमित रूप से ताइवान के एडीआइजेड में विमानों को भेजकर अपनी ग्रे-ज़ोन रणनीति को आगे बढ़ाया है। जिसमें अधिकांश उदाहरण जोन के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र होते हैं और आमतौर पर एक से तीन धीमी गति से उड़ने वाले टर्बोप्रॉप विमानों से युक्त होते हैं।

बता दें कि चीन ताइवान पर पूर्ण संप्रभुता का दावा करता है। ताइपे ने अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ाकर चीनी आक्रामकता का मुकाबला किया है, जिसका चीन द्वारा बार-बार विरोध किया जा रहा है। चीन ने धमकी दी है कि 'ताइवान की आजादी' का मतलब युद्ध है।

गौरतलब है कि 1 जून को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने स्व-शासित ताइवान के साथ पूर्ण एकीकरण का संकल्प लिया और द्वीप के लिए औपचारिक स्वतंत्रता के किसी भी प्रयास को विफल करने की कसम खाई थी। शी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए ताइवान की मुख्यभूमि मामलों की परिषद (Mainland Affairs Council, MAC) ने चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी (CCP) पर आंतरिक रूप से राष्ट्रीय कायाकल्प के नाम पर अपनी तानाशाही को मजबूत करने और बाहरी रूप से अपनी आधिपत्य की महत्वाकांक्षाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बदलने का प्रयास करने का आरोप लगाया था।

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