चीन ने हिंद महासागर में बढ़ाया दखल, म्यांमार के साथ कई समझौतों पर किया दस्तखत

रोहिंग्या मुस्लिमों पर अत्याचार से उपजे विवाद पर मिट्टी डालते हुए चीन और म्यांमार ने शनिवार को 33 बड़े समझौतों पर दस्तखत किए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 18 Jan 2020 07:31 PM (IST) Updated:Sat, 18 Jan 2020 07:31 PM (IST)
चीन ने हिंद महासागर में बढ़ाया दखल, म्यांमार के साथ कई समझौतों पर किया दस्तखत
चीन ने हिंद महासागर में बढ़ाया दखल, म्यांमार के साथ कई समझौतों पर किया दस्तखत

नेपीता, प्रेट्र। रोहिंग्या मुस्लिमों पर अत्याचार से उपजे विवाद पर मिट्टी डालते हुए चीन और म्यांमार ने शनिवार को 33 बड़े समझौतों पर दस्तखत किए। इनमें ओबीओआर (वन बेल्ट-वन रोड) परियोजना में म्यांमार की भागीदारी भी शामिल है। इसी के साथ चीन को हिंद महासागर में लंगर डालने का नया ठिकाना मिल गया है। ओबीओआर आधारभूत ढांचे के विस्तार की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महात्वाकांक्षी परियोजना है।

 राष्ट्रपति चिनफिंग का दो दिवसीय म्यांमार दौरा

राष्ट्रपति चिनफिंग के दो दिवसीय म्यांमार दौरे के अंतिम दिन शनिवार को उनकी स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ लंबी वार्ता हुई। इस वार्ता के बाद ही समझौतों पर दस्तखत किए गए। ये समझौते राजनीति, व्यापार, निवेश, दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने और ओबीओआर को लेकर हैं। इस दौरान सू की ने रोहिंग्या मसले पर पश्चिमी देशों के रुख की निंदा की। कई बार हमले झेल चुकी सेना ने दो साल पहले रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ कार्रवाई की थी जिसमें सैकड़ों मारे गए थे और साढ़े सात लाख रोहिंग्या भागकर बांग्लादेश चले गए थे। वे बांग्लादेश में अभी रह रहे हैं। इसके चलते म्यांमार अंतरराष्ट्रीय समुदाय के निशाने पर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र ने माना है कि म्यांमार में मानवाधिकारों के बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ। सू की ने कहा, कुछ देश अन्य देशों के अंदरूनी मामलों में दखल को अपना अधिकार समझते हैं। इसके लिए वे मानवाधिकार, धार्मिक और मूलवासी होने जैसी बातों का सहारा लेते हैं। लेकिन म्यांमार इस तरह की बातों को लेकर किसी का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेगा। चाइना डेली के मुताबिक सू की ने उम्मीद जताई कि चीन म्यांमार जैसे छोटे और मध्यम दर्जे के देशों के साथ न्याय और सहयोग की अपनी नीति जारी रखेगा।

म्यांमार चीन के साथ मिलकर इकोनोमिक कॉरीडोर बनाने पर सहमत

जवाब में राष्ट्रपति चिनफिंग ने कहा, चीन म्यांमार का विश्वसनीय दोस्त है। वह हमेशा म्यांमार और अन्य देशों के विकास के रास्ते का सम्मान करता है और मानता है कि किसी भी देश को अन्य देश के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। चीन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर म्यांमार के साथ न्याय होने के लिए हमेशा आवाज उठाएगा और उसके समर्थन में खड़ा रहेगा। म्यांमार चीन के साथ मिलकर इकोनोमिक कॉरीडोर बनाने पर सहमत है। इससे दोनों देशों के बीच यातायात, ऊर्जा, उत्पादन क्षमता और मानवीय व सांस्कृतिक बढ़ेगा। यह वैसा ही कॉरीडोर होगा, जैसा चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर बना रहा है। इन नए कॉरीडोर से चीन अपने दक्षिण-पश्चिम इलाके को हिंद महासागर से जोड़ेगा।

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