पेरु में बुल फाइटिंग रद, जो सदियों में न हो पाया कोरोना वायरस ने कुछ महीनों में कर दिखाया

पेरु में इन दिनों एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट खुशियां मना रहे हैं क्योंकि हर साल होने वाली बुल फाइटिंग रद कर दी गई है जिसके लिए वे कोर्ट में गुहार लगा रहे थे वह काम कोरोना वायरस ने कुछ ही महीनों में कर दिया।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 03:06 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 03:06 PM (IST)
पेरु में बुल फाइटिंग रद, जो सदियों में न हो पाया कोरोना वायरस ने कुछ महीनों में कर दिखाया
इस साल पेरु में नहीं होगी बुल फाइटिंग

पेरु, एएफपी। नॉवेल कोरोना वायरस ने कुछ ही महीनों में ऐसा कर दिखाया जिसके लिए एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट न जाने कितने दिनों से प्रयासरत थे। हर साल होने वाले त्योहार सेनोर डे लॉस मिलाग्रोस (Senor de los Milagros, lord of the miracles) को इस साल कोविड-19 के कारण रद कर दिया गया है। लिमा (Lima) के एको बुल (सांड) रिंग में हर साल अक्टूबर या नवंबर में बुल फाइट आयोजित की जाती है। 14 हजार लोगों की क्षमता वाली इस एको बुलरिंग का इस्तेमाल इस समय महामारी से प्रभावित बेघरों का आश्रय बना हुआ है। 1946 से शुरू हुए बुल फाइटिंग को पहली बार रद किया गया है।   

पेरु में फुटबॉल स्टेडियम से कहीं अधिक बुल फाइटिंग के लिए जगह बनी हैं। एको एरिना (Acho arena)  को 1766 में बनाया गया था यह दुनिया का सबसे पुराना बुल रिंग है। पुगा ने बताया, 'पेरु में एक साल में 700 बुल फाइट होते हैं और इस दौरान करीब 2500 बुल की मौत हो जाती है।'  लेकिन इस महामारी के कारण देश में अब तक 34 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमितों का आंकड़ा 8 लाख 75 हजार है। दूसरी ओर फुटबॉल को दोबारा अगस्त में शुरू किया गया था वह भी बगैर प्रशंसकों के।  

एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट खुशी मना रहे हैं। मुर्गों की लड़ाई के खिलाफ कैंपेन करने वाले लुईस ने कहा, 'यह अच्छी खबर है। बुल फाइटिंग के लिए कोई कारण नहीं बनता।' फरवरी में पेरु की  शीर्ष अदालत ने एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट के एक मुकदमे को खारिज कर दिया था जिसमें बुल फाइटिंग और मुर्गों यानि कॉक फाइटिंग को असंवैधानिक बताते हुए बंद करने की बात कही गई थी । 2018 में 5000 से अधिक लोगों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर किया था जिसमें मांग की गई थी कि पशुओं के इस्तेमाल वाले सभी क्रूर शोज को बंद कर दिया जाए। 

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