साउथ और नॉर्थ कोरिया के बीच संबंध सुधारने के लिए ब्रिटिश विदेश सचिव ने किया दौरा

नॉर्थ और साउथ कोरिया के बीच संबंधों को ठीक करने के लिए मंगलवार को ब्रिटिश विदेश सचिव रैब ने दोनों देशों के बीच सीमा का निरीक्षण किया। संबंध खराब होने पर दोनों देशों के बीच डिमिलिटरीकृत जोन पर बने लॉयजन ऑफिस को भी उड़ा दिया गया था।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 12:53 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 12:53 PM (IST)
साउथ और नॉर्थ कोरिया के बीच संबंध सुधारने के लिए ब्रिटिश विदेश सचिव ने किया दौरा
ब्रिटिश विदेश सचिव डोमिनिक रैब। (फाइल फोटो)

लंदन, रायटर। साउथ और नॉर्थ कोरिया के बीच बिगड़े हुए संबंधों को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए मंगलवार को ब्रिटिश विदेश सचिव डोमिनिक रैब ने दोनों देशों के बीच डिमिलिटरीकृत जोन इलाके का दौरा किया। दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि वो साउथ अफ्रीका का समर्थन करते हैं और चाहते हैं कि दोनों कोरिया के बीच संबंध बेहतर बने रहे।

दरअसल कोरोना काल से पहले से ही दोनों देशों के बीच संबंध काफी तल्ख हैं। आए दिन दोनों देशों के बीच किसी न किसी बात को लेकर संबंध बिगड़ जाते हैं। कुछ माह पहले तक तक तो ये संबंध इतने अधिक खराब हो गए थे कि दोनों देशों के बीच सीमा पर बने लॉयजन ऑफिस को बम से उड़ा दिया गया था। लॉयजन ऑफिस को बम से उड़ाए जाने के बाद दोनों देशों की सेनाओं को भी सीमा की ओर भेज दिया गया था। हालात इतने अधिक खराब हो गए थे कि लग रहा था कि अब युद्ध हो जाएगा। खैर उस हालात को किसी तरह से काबू किया गया।   

नॉर्थ कोरिया ने अपने यहां कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अप्रैल माह में ही सीमाएं सील कर दी है। उसके बाद सीमा पर एहतियात भी बढ़ा दी गई है। शायद इसी वजह से नॉर्थ कोरिया में कोरोना संक्रमण के मामले नहीं देखने को मिल रहे हैं। 

तीन दिन पहले दोनों देशों के बीच हालात फिर से गर्म हो गए। दरअसल नॉर्थ कोरिया की सेना ने सीमा पर साउथ कोरिया के एक अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी। साउथ कोरिया ने आरोप लगाया कि उसके अधिकारी की हत्या करने के बाद उसका शव तक जला दिया गया। मामले को बिगड़ता देख नॉर्थ कोरिया तानाशाह किम जोंग उन ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया और माफी भी मांगी।

अब साउथ कोरिया भी नॉर्थ कोरिया के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाना चाह रहा है, इसी को देखते हुए उसने सोमवार को हॉटलाइन को फिर से बहाल करने की बात कही थी। मंगलवार को ब्रिटिश विदेश सचिव का दौरा इस दिशा में एक और कदम माना जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच बंद हुई हॉटलाइन को फिर से शुरू कर दिए जाने से इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सकेगी। 

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