Covid-19 Beta Variant: फिलहाल इंग्लैंड की यात्रा नहीं कर सकेंगे फ्रांस के यात्री, ‘बीटा वेरिएंट संक्रमण को लेकर चिंता’
फ्रांस में बीटा वेरिएंट की मौजूदगी के चलते ब्रिटिश सरकार चिंतित थी। इसी कारण फ्रांस को लिस्ट से बाहर रखा गया है। वहीं माना जा रहा है कि बीटा वेरिएंट पर वैक्सीन कम कारगर है। फ्रांस के मुताबिक संक्रमण के मामले ला रीयूनियन के विदेशी द्वीप से आ रहे हैं।
पेरिस,एजेंसियां: फ्रांस ने ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है। फ्रांस ने गुरुवार अपने एक बयान में कहा है कि, ब्रिटेन का वो फैसला उसे जरा भी समझ नहीं आया जिसमें कहा गया है कि, पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके यूरोपीय संघ के नागरिक बिना क्वारंटाइन प्रतिबंधों के इंग्लैंड आ सकते हैं, लेकिन उसे प्रतिबंधित किया गया है।
ऑरेंज लिस्ट से फ्रांस बाहर
दरअसल, बुधवार को ब्रिटिश सरकार के तरफ से की गई एक घोषणा के मुताबिक, अगले हफ्ते से वो यात्री जिनको यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन या यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी द्वारा अनुमोदित टीके प्राप्त हुए हैं। वो दस दिनों के क्वारंटाइन के बिना किसी भी देश से इंग्लैंड की यात्रा कर सकेंगे, जो ब्रिटिश सरकार की ऑरेंज लिस्ट में है। लेकिन इस लिस्ट में फ्रांस को शामिल नहीं किया गया है। फ्रांस में यूरोपीय मामलों के मंत्री क्लेमेंट ब्यूने ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि, यह फैसला फ्रांस के प्रति भेदभावपूर्ण है और स्वास्थ्य नीति के संदर्भ में इसका कोई मतलब नहीं है।
बीटा वेरिएंट को लेकर चिंता
बताया जा रहा है कि, फ्रांस में बीटा कोरोनोवायरस वेरिएंट की लगातार मौजूदगी के चलते ब्रिटिश सरकार चिंतित थी। इसी कारण फ्रांस को लिस्ट से बाहर रखा गया है। साथ ही ऐसा माना जा रहा है कि, बीटा वेरिएंट पर वैक्सीन कम कारगर है। इस मामले में फ्रांसीसी अधिकारियों का कहना है कि, देश में ज्यादातर संक्रमण के मामले हिंद महासागर में ला रीयूनियन के विदेशी द्वीप से आ रहे हैं। वहीं, ब्रिटेन अगले सप्ताह के अंत में फ्रांस से आने वाले यात्रियों की स्थिति के बारे में समीक्षा करने की बात कही है।
संक्रमण से एक लाख के ऊपर मौतें
गौरतलब है कि, फ्रांस में बुधवार को पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के 28हजार नए मामले दर्ज किए गए। वहीं संक्रमण के चलते 40 मौतों की पुष्टी की गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, फ्रांस में कोविड-19 संक्रमण के कारण अब तक एक लाख ग्यारह हजार सात सौ अड़सठ मौते हुई हैं।