ब्राजील में बन रही जीसस क्राइस्ट की एक और विशाल प्रतिमा, द रिडीमर से भी होगी ऊंची

ब्राजील में जीसस क्राइस्‍ट की एक विशाल प्रतिमा का निर्माण हो रहा है। ये पहले से ब्राजील की पहचान कही जाने वाली द रिडीमर से से करीब 13 मीटर अधिक ऊंची होगी। इससे यहां के पर्यटन उद्योग को एक नई दिशा भी मिलेगी।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 05:02 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 05:02 PM (IST)
ब्राजील में बन रही जीसस क्राइस्ट की एक और विशाल प्रतिमा, द रिडीमर से भी होगी ऊंची
ब्राजील में जीसस क्राइस्ट की एक और विशाल प्रतिमा बना रही है

रियो डी जेनेरियो (एएफपी)। ब्राजील में जीसस क्राइस्ट की एक और विशाल प्रतिमा बनाई जा रही है जो द रिडीमर से भी ज्यादा ऊंची होगी। द रिडीमर को देखने हर साल दुनियाभर के पर्यटक आते हैं। तिजुका फोरेस्ट नेशनल पार्क में कोर्कोवाडो पर्वत की चोटी चोटी पर दोनों हाथ फैलाए जीसस क्राइस्‍ट की ये प्रतिमा दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इस चोटी से पूरा शहर दिखाई देता है। इतना ही नहीं इसको ब्राजील और रियो डी जनेरियो की पहचान भी माना जाता है।

ब्राजील आने वाला हर प्रयटक इसके दीदार की उम्‍मीद रखता है। द रिडीमर की ऊंचाई करीब 30 मीटर है। वहीं जीसस क्राइस्‍ट की नई प्रतिमा की बात करें तो इसको क्राइस्ट द प्रोटेक्टर का नाम दिया गया है।एसोसिएशन ऑफ फ्रेंड्स ऑफ क्राइस्‍ट के मुताबिक इस प्रतिमा का निर्माण कार्य 2019 में शुरू किया गया था जो कि फिलहाल एक वर्ष के विलंब से चल रहा है।इसके दोनों हाथों को मिलाकर प्रतिमा की चौड़ाई करीब 38 मीटर है जबकि रिडीमर की चौड़ाई 28 मीटर थी। इसके मूर्तिकार बाप और बेटे हैं। इनका नाम जेनेसियो और मार्कस मौरा है। 

'क्राइस्ट द प्रोटेक्टर' का निर्माण ब्राजील के एनकांताडो में बड़ी तेजी से किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस नई प्रतिमा के बन जाने के बाद जहां लोगों में धार्मिक आस्‍था बढ़ेगी वहीं ब्राजील का पर्यटन उद्योग भी बढ़ जाएगा। एक बार पूरी तरह से तैयार होने के बाद इस प्रतिमा की ऊंचाई करीब 43 मीटर (140 फीट) होगी, जो कि द रिडीमर से करीब 13 मीटर अधिक होगी। इस प्रतिमा को बनाने पर आना वाला खर्च करीब साढ़े तीन लाख डॉलर का कहै। इस प्रोजक्ट को फ्रेंड्स ऑफ क्राइस्ट नाम का संगठन बनवा रहा है। इस पर होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए लोगों से वित्‍तीय मदद भी ली गई है। इसके अलावा प्रतिमा के लिए विदेशों से भी फंडिंग की गई है। आपको बता दें कि द रिडीमर की प्रतिमा को ईसाई धर्म का एक वैश्विक प्रतीक माना जाता है।

क्राइस्ट द रिडीमर को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आर्ट डेको स्टैच्यू भी माना जाता है।[ इसका वजन 635 टन है। आपको बता दें कि रिडीमर बोल्विया के कोचाबंबा में स्थित क्राइस्टो डी ला कोनकोर्डिया की प्रतिमा से थोड़ी ही ऊंची है। इस प्रतिमा का निर्माण कंक्रीट के साथ-साथ सोपस्टोन से 1922 और 1931 के बीच किया गया था। इसको बनाने का पहली बार विचार 1850 के दशक के कैथोलिक पादरी पेड्रो मारिया बॉस के मन में आया था। इसके लिए उन्‍होंने राजकुमारी ईसाबेल से वित्‍तीय मदद देने का आग्रह भी किया था।

हालांकि उनके इस विचार पर ज्‍यादा ध्‍यान नहीं दिया गया और ब्राजील के एक गणतंत्र के रूप में सामने आने के बाद 1889 में इसे खारिज कर दिया गया। 1921 में एक बार फिर से रियो के कैथोलिक सर्कल द्वारा इसको बनाने का प्रस्‍ताव लाया गया। इसके लिए धन जुटाने के लिए कइ्र तरह के आयोजन भी किए गए।

शुरुआत में इसका जो डिजाइन बनाया गया था उसमें ईसाई क्रॉस और अपने हाथों में पूरी धरती को लिए ईसा मसीह को दिखाया गया था। इसमें एक चबूतरा भी शामिल था। लेकिन बाद में बांह खोले हुए जीसस क्राइस्ट की प्रतिमा को अंतिम मंजूरी दी गई और इसको नाम दिया गया द रिडीमर। इसको विश्‍व शांति का प्रतीक भी माना जाता है। इस प्रतिमा पर पक्षियों के बैठने के लिए कीलें लगी हुई हैं। इस प्रतिमा को बनने में नौ वर्ष का समय लगा था। स्मारक को 12 अक्टूबर 1931 को आम जनता के लिए खोला गया था।

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