सोमालिया बम धमाके में अब तक 20 लोगों की मौत, 30 से ज्यादा घायल; इस संगठन ने ली हमले की जिम्मेदारी

Bomb Attack in Somalia सोमालिया बम धमाके में अब तक 20 लोगों की मौत हो गई है जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी स्थानीय अल-शबद (Al-Shabaab) चरमपंथी संगठन ने जिम्मेदारी ली जिसका संबंध अलकायदा (Al-Qaeda) से है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 08:32 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 08:32 AM (IST)
सोमालिया बम धमाके में अब तक 20 लोगों की मौत, 30 से ज्यादा घायल; इस संगठन ने ली हमले की जिम्मेदारी
सोमालिया बम धमाके में अब तक 20 लोगों की मौत, 30 से ज्यादा घायल;

मोगदिशू, एएनआइ। Bomb Attack in Somalia: अफ्रीकी देश सोमालिया (Somalia) में एक कार बम धमाके (Bomb Attack) की खबर सामने आई है। जिसमें अभी तक 20 लोगों की मौत हो गई है, जबकि करीब 30 लोग घायल बताए जा रहे हैं। राजधानी मोगादिशू में एक लोकप्रिय रेस्त्रां पर बम हमला हुआ था। सोमाली नेशनल न्यूज एजेंसी ने आमिन एंबुलेंस सर्विस के हवाले से मृतकों की संख्या बताई है।

अल-शबद (Al-Shabaab) चरमपंथी संगठन ने जिम्मेदारी ने ली जिम्मेदारी

हमले के पीछे एक स्थानीय चरमपंथी संगठन का हाथ बताया जा रहा है। इस हमले के लिए स्थानीय अल-शबद (Al-Shabaab) चरमपंथी संगठन ने जिम्मेदारी ली, जिसका संबंध अलकायदा (Al-Qaeda) से है। बता दें कि अल-शबद अक्सर बमबारी करके मोगादिशू को निशाना बनाता रहता है। शुक्रवार दोपहर विस्फोटकों से भरा एक वाहन लुल यमनी रेस्त्रां में घुस गया था। इस धमाके से आसपास के मकान भी ध्वस्त हो गए हैं। बता दें कि बीते साल भी इस रेस्त्रां पर हमला किया गया था। 

रिपोर्ट के मुताबिक, हमले के बाद चुनाव में देरी को लेकर विपक्षी नेताओं द्वारा शनिवार को किया जाने वाला प्रदर्शन भी स्थगित कर दिया गया है। यहां की सराकर ने इसके पीछे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को जिम्मेदार ठहराया था। इस देश के विदेश मंत्रालय ने बाहरी ताकतों पर समस्याएं बढ़ाने का आरोप लगाया था। बता दें कि सोमालिया में  में आठ फरवरी को चुनाव होना था, लेकिन उस दिन मतदान नहीं हो सका। फिलहाल इस बात पर कोई सहमति नहीं बन सकी थी कि चुनाव कैसे कराया जाए? इसे लेकर देश में हिंसा भी हुई थी, जिसमें कम से कम पांच सैनिक मारे गए थे और एक दर्जन से अधिक लोग  घायल हो गए थे। 

उधर, भारत ने सोमालिया में चुनाव कराने को लेकर जारी राजनीतिक गतिरोध को निराशाजनक बताया था। साथ ही कहा था कि यह देरी अल-शबाब और अन्य सशस्त्र समूहों को पनपने और उन्हें अपने आतंकवादी कृत्य जारी रखने का मौका देगा, जो लोकतंत्र के माध्यम से हासिल की गई प्रगति के लिए खतरा साबित हो सकती है। 

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