स्वच्छ ऊर्जा के विकास के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मांगा भारत का सहयोग, जानें क्‍या कहा

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पनबिजली परियोजनाओं के जरिये स्वच्छ ऊर्जा के विकास के लिए भारत का सहयोग मांगा है। इस कार्य में नेपाल और भूटान का सहयोग लेने का सुझाव भी दिया है। इससे क्षेत्र के पर्यावरण सुधार में मदद मिलेगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 10:17 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 10:17 PM (IST)
स्वच्छ ऊर्जा के विकास के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मांगा भारत का सहयोग, जानें क्‍या कहा
शेख हसीना ने पनबिजली परियोजनाओं के जरिये स्वच्छ ऊर्जा के विकास के लिए भारत का सहयोग मांगा है।

ढाका, पीटीआइ। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पनबिजली परियोजनाओं के जरिये स्वच्छ ऊर्जा के विकास के लिए भारत का सहयोग मांगा है। इस कार्य में नेपाल और भूटान का सहयोग लेने का सुझाव भी दिया है। इससे क्षेत्र के पर्यावरण सुधार में मदद मिलेगी। शेख हसीना ने यह बात बुधवार को भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से ढाका के अपने सरकारी आवास में हुई मुलाकात में कही। श्रृंगला वहां पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के 15 से 17 दिसंबर के बीच होने वाले दौरे के सिलसिले में गए हैं। राष्ट्रपति कोविन्द बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के प्रेस सचिव एहसानुल करीम के अनुसार मुलाकात में दोनों देशों के सहयोग वाली परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की गई। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, नेपाल और भूटान में पनबिजली के उत्पादन से बांग्लादेश और भारत लाभान्वित हो सकते हैं। कहा, हालांकि बांग्लादेश के 99 प्रतिशत इलाकों में बिजली है लेकिन वह स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहती हैं। सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना चाहती हैं। बातचीत में श्रृंगला ने सिलीगुड़ी-पार्वतीपुर, ढाका-सिलीगुड़ी और ढाका-जलपाईगुड़ी रेलसेवा फिर से शुरू करने पर जोर दिया।

मुलाकात में श्रृंगला ने बांग्लादेश की आजादी की 50 वीं वर्षगांठ पर शेख हसीना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शुभकामना संदेश दिया। बांग्लादेश अपने स्वतंत्रता दिवस को विजय दिवस के रूप में मनाता है। भारत ने छह दिसंबर, 1971 को बांग्लादेश को मान्यता दी थी। इस दिन को दोनों देश मैत्री दिवस के रूप में मनाते हैं। प्रधानमंत्री के सरकारी आवास में हुई बैठक में बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम कुमार दुरईस्वामी और विदेश मंत्रालय में नीतिगत मामलों के सलाहकार अशोक मलिक भी मौजूद थे। 

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