आस्ट्रेलिया में 5-11 वर्ष के बच्चों को लगेगी फाइजर वैक्सीन, मिली मंजूरी

आस्ट्रेलिया के बड़े शहर मेलबर्न और सिडनी ने सबसे अधिक लंबे समय तक लाकडाउन को देखा। अब देश में केवल 834 कोरोना संक्रमित हैं । विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अन्य देशों की तुलना में यहां काफी कम मौतें कोरोना के कारण हुईं।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 06:21 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 06:21 AM (IST)
आस्ट्रेलिया में 5-11 वर्ष के बच्चों को लगेगी फाइजर वैक्सीन, मिली मंजूरी
आस्ट्रेलिया में 5-11 वर्ष के बच्चों को लगेगी फाइजर वैक्सीन, मिली मंजूरी

मेलबर्न,  रायटर्स। आस्ट्रेलिया में अब 5-11 वर्ष की उम्र के बच्चों को कोरोना वैक्सीन केे  डोज दिए जाएंगेे। दरअसल देश के दवा नियामकों ने रविवार को बच्चों के लिए फाइजर वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। आस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि यह प्रक्रिया 10 जनवरी से शुरू होगी।  स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट (Greg Hunt) ने कहा, 'उन्होंने (the Therapeutics Goods Administration) सावधानी और सतर्कता के साथ इसका पूरा निरीक्षण किया और बच्चों के लिए फाइजर की कोरोना वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी बताया।'

शुरुआत में आस्ट्रेलिया ने कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया अपनाने में देर की लेकिन फिर यह दुनिया के सबसे अधिक वैक्सीन लगाने वाले देशों की लिस्ट में शामिल हो गया। बता दें कि यहां 16 साल से अधिक उम्र की 88 फीसद जनता को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज मिल चुकी है। आस्ट्रेलिया में कोरोना वैक्सीन का विरोध करने वाले काफी कम संख्या में हैं। हालांकि वे वैक्सीन के विरोध मं हर सप्ताह रैली निकाल रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि देश भर में वैक्सीनेशन ऐच्छिक है लेकिन यहां के राज्यों में अनेक पेशे के लिए वैक्सीन को अनिवार्य नियम बना दिया गया है। इसके अलावा यहां के खुदरा परिसर जैसे बुक और ज्वैलरी स्टोर केवल उन निवासियों के लिए खुले हैं जिन्हें पूरी तरह से टीका लगाया गया है, जिनकी आयु 12 वर्ष से कम है या जिनके पास वैध छूट है।

कोरोना वैक्सीन का विरोध करने वाले लोगों के समूह ने वैक्सीन का डोज लेने के बाद हुए साइड इफेक्ट के लिए मुआवजे की मांग की है। करीब 10,000 से अधिक लोगों का दावा है कि वैक्सीन से उन्हें साइड इफेक्ट हुए जिसके इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती तक होना पड़ा। हालांकि देश की सरकार ने अभी तक इस बारे में दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं कि मुआवजा देने के लिए किस मानक के प्रमाण की आवश्यकता होगी कि व्यक्ति को साइड इफेक्ट वैक्सीन से हुआ है या नहीं।

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