Military Coup in Myanmar: म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की के खिलाफ सुनवाई शुरू, तीन आरोपों का किया सामना

म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की के खिलाफ सोमवार को सुनवाई शुरू हो गई। उनके वकील ने बताया कि गैरकानूनी रूप से वाकी-टाकी रेडियो रखने और कोरोना वायरस प्रोटोकाल तोड़ने के मामले में पहले गवाह ने उनके खिलाफ गवाही दी।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 07:56 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 08:07 PM (IST)
Military Coup in Myanmar: म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की के खिलाफ सुनवाई शुरू, तीन आरोपों का किया सामना
नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित आंग सान सू की के खिलाफ सुनवाई शुरू। फाइल फोटो।

बैंकाक, एजेंसी। म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की के खिलाफ सोमवार को सुनवाई शुरू हो गई। उनके वकील ने बताया कि गैरकानूनी रूप से वाकी-टाकी रेडियो रखने और कोरोना वायरस प्रोटोकाल तोड़ने के मामले में पहले गवाह ने उनके खिलाफ गवाही दी। सू की को गत एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट में हटा दिया गया था। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार समेत कई आरोप लगाए हैं। इस सुनवाई पर दुनिया की पैनी नजर है।

अदालत में स्‍वस्‍थ्‍य नहीं दिखीं सू की

अपदस्थ नेता की पैरवी कर रही कानूनी टीम के प्रमुख खिन मौंग जाव ने कहा कि सू की स्वस्थ नहीं दिख रही थीं, लेकिन पूरी सुनवाई के दौरान वह जागरूक दिखीं। सू की के समर्थकों का कहना है कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और पूर्ववर्ती सैन्य शासन के दौरान दशकों तक लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वाली महिला के राजनीतिक जीवन को खत्म करने के लिए तैयार किए गए हैं। नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित सू की ने सोमवार को तीन मामलों का सामना किया।

भ्रष्टाचार के नए आरोप

बता दें कि सू की और उनकी सरकार के अन्य पूर्व अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के नए आरोप लगा गए हैं। म्यांमार के सरकारी अखबार ग्लोबल न्यू लाइट ने ग‍त दिनों इसकी जानकारी दी। बता दें कि गत एक फरवरी को म्यांमार की सेना ने तख्तापलट कर दिया था। नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की सरकार को बेदखल कर सत्ता पर सेना काबिज हो गई। सू समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया था। इसके खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। अखबार ने भ्रष्टाचार विरोधी आयोग के हवाले से कहा कि आंग सान सू की पर दाव खिन की फाउंडेशन के लिए भूमि के दुरुपयोग से संबंधित आरोपों के साथ-साथ पैसे और सोना स्वीकार करने के पहले के आरोप भी हैं। इसे लेकर सू की और कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस खोले गए हैं। उन्हें अपने पद का दुरुपयोग करके भ्रष्टाचार करने का दोषी पाया गया। इसलिए उन पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 55 के तहत आरोप लगाया गया। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने वालों को 15 साल तक की जेल हो सकती है।

समर्थकों ने कहा राजनीति से प्रेरित हैं मामले

फिलहाल सू की के वकीलों की ओर से इसे लेकर कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है। सू की के खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं। इनमें वॉकी-टॉकी रेडियो के अवैध कब्जे से लेकर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम को तोड़ने तक शामिल हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि ये मामले राजनीति से प्रेरित हैं। सेना ने यह कहते हुए तख्तापलट किया था कि सू की की पार्टी ने नवंबर के चुनावों में धोखाधड़ी की थी। पिछले चुनाव आयोग ने सेना के इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। तब से सेना नियंत्रण स्थापित करने में विफल रही है। देश में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों पर बर्बर कार्रवाई भी हो रही है।

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