26-28 अक्टूबर तक आसियान समिट, म्यांमार सेना प्रमुख को नहीं किया जाएगा आमंत्रित

ASEAN Summit दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संघ (आसियान) के अध्यक्ष ब्रुनेई ( Brunei ) ने शनिवार को कहा कि संगठन समिट में म्यांमार के सैन्य नेता जनरल मिन आंग हलियांग की जगह किसी गैर राजनीतिक प्रतिनिधि को आमंत्रित करेगा।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 11:31 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 11:31 PM (IST)
26-28 अक्टूबर तक आसियान  समिट, म्यांमार सेना प्रमुख को नहीं किया जाएगा आमंत्रित
आसियान समिट में म्यांमार सेना प्रमुख को नहीं किया जाएगा आमंत्रित

कुआलालंपुर, एपी।  दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने 26-28 अक्टूबर को आयोजित होने जा रहे आगामी शिखर सम्मेलन में म्यांमार की भागीदारी को कम करने पर सहमति जताई है। बता दें कि  एसोसिएशन आफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस के दस सदस्यीय सदस्य की बैठक होने जा रही है और इसमें विदेश मंत्रियों ने एक फरवरी को म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद उसके नेताओं को अब तक का सबसे तगड़ा झटका देने का फैसला लिया है। दरअसल दक्षिण पूर्व एशिया के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को एक आपात बैठक में वार्षिक शिखर सम्मेलन से म्यांमार के सैन्य नेता को बाहर रखने का फैसला कर लिया।

दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संघ (आसियान) के अध्यक्ष ब्रुनेई ( Brunei ) ने शनिवार को कहा कि संगठन समिट में म्यांमार के सैन्य नेता जनरल मिन आंग हलियांग की जगह किसी गैर राजनीतिक प्रतिनिधि को आमंत्रित करेगा।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दस सदस्यीय आसियान पर म्यांमार को हिंसा रोकने और अपदस्थ निर्वाचित नेता आंग सान सू ची समेत कई राजनेताओं को रिहा करने के लिए मजबूर करने का दबाव बना रखा है। म्यांमार में हिंसा में अब तक 1,100 से अधिक आम नागरिक मारे जा चुके हैं। जब म्यांमार ने संकट खत्म करने के लिए नियुक्त संगठन के दूत ब्रुनेई के द्वितीय विदेश मंत्री इरयवान यूसुफ के साथ सहयोग करने से इन्कार कर दिया तो आसियान देशों के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को एक आपात बैठक की। 

इसी साल अप्रैल में इंडोनेशिया में आसियान की बैठक हुई थी जिसमें म्यांमार की सेना के प्रमुख जनरल मिन आंग हलियांग को भी आमेंत्रित किया गया था जिसपर जुंटा के विरोधियों ने आपत्ति जताई थी। उनका तर्क था कि जनरल ने जबरन सत्ता हासिल की वह म्यांमार के वैधानिक नेता नहीं हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत कई देश के नेताओं ने म्यांमार में चुनी हुई सरकार के तख्तापलट की निंदा की थी और सैन्य नेताओं, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के खिलाफ पाबंदी लगा दी थी।

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