क्या टीकाकरण के बाद भी लोग हो रहे हैं डेल्टा वेरिएंट का शिकार, जानें क्या कहना है विशेषज्ञों का

वेरिएंट सबसे तेज़ और खतरनाक संक्रमण है। कोविड-19 टीका लगवाने के बाद भी डेल्टा वेरिएंट का प्रभाव कम नहीं हो रहा ऐसे में लोगों की धारणा बनती जा रही है कि क्या टीकाकरण के बाद भी वह सुरक्षित नहीं है? जाने इसपर क्या कहना है विशेषज्ञो का

By Ashisha SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 09:35 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 09:35 PM (IST)
क्या टीकाकरण के बाद भी लोग हो रहे हैं डेल्टा वेरिएंट का शिकार, जानें क्या कहना है विशेषज्ञों का
विनाशकारी डेल्टा वेरिएंट कोरोना वायरस का एक स्वरूप है।

रायटर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है। विनाशकारी डेल्टा वेरिएंट कोरोना वायरस का एक स्वरूप है। डेल्टा वेरिएंट सबसे तेज़ और खतरनाक संक्रमण है। वैज्ञानिकों द्वारा इस बात की पुष्टि की गई है की भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट जिम्मेदार है। भारत में डेल्टा वेरिएंट से लोग जिस गति से संक्रमित हो रहे हैं उससे तेज गति से डेल्टा वेरिएंट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अधिक आसानी से फैलता है। और चिंता का विषय यह है कि अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों में यह संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है।

डेल्टा वेरिएंट‌ के प्रति लोगों की धारणा

कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट लोगों को अपना शिकार बना रहा है। हाल ही में दर्ज की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 टीका लगवाने के बाद भी डेल्टा वेरिएंट का प्रभाव कम नहीं हो रहा। ऐसे में लोगों की धारणा बनती जा रही है कि क्या टीकाकरण के बाद भी वह सुरक्षित नहीं है? हालांकि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमित लोगों में मौतों का दर कम हुआ है, लेकिन संक्रमण के मामले अभी भी बढ़ रहे हैं। वायरस लगातार उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) के माध्यम से विकसित होते हैं और वायरस नए प्रकार उत्पन्न होते हैं। कभी-कभी ये असली से ज्यादा खतरनाक होते हैं। डेल्टा वेरिएंट भी वायरस के उत्परिवर्तन का नतीजा है।

क्या कहना है विशेषज्ञों का

10 प्रमुख COVID-19 विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोनवायरस के किसी भी संस्करण के कारण होने वाले गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने के खिलाफ वैक्सीन सुरक्षा बहुत मजबूत है, लेकिन‌ विशेषज्ञों ने कहा कि साक्ष्य भी बढ़ रहे हैं कि यह पिछले संस्करणों की तुलना में अधिक दर से टीके का दोनों डोज लगाए गए लोगों को संक्रमित करने में सक्षम है, और चिंता जताई गई है कि वे वायरस भी फैला सकते हैं' डेल्टा वैरीअंट को लेकर माइक्रोबायोलॉजिस्ट शेरोन पीकॉक जो कोरोनोवायरस वेरिएंट के जीनोम को अनुक्रमित करने के लिए ब्रिटेन के प्रयासों को चलाते हैं, ने कहा कि 'इस समय दुनिया के लिए सबसे बड़ा जोखिम केवल डेल्टा है' शेरोन पीकॉक ने डेल्टा वेरिएंट को अभी तक का सबसे योग्य और सबसे तेज़ संस्करण' बताया है।

फिलहाल जब तक डेल्टा वेरिएंट ट्रांसमिशन पर अधिक डेटा नहीं होता, तब तक रोग विशेषज्ञों का कहना है कि व्यापक टीकाकरण अभियानों वाले देशों में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य उपायों की फिर से आवश्यकता हो सकती है। साथ ही कोविड-19 के सभी नियमों का कड़ाई से पालन करने की भी आवश्यकता है।

क्या है अन्य देशों का डेल्टा वेरिएंट से हाल

• पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने शुक्रवार को कहा कि ब्रिटेन में डेल्टा संस्करण के साथ अस्पताल में भर्ती कुल 3,692 लोगों में से 58.3% लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ था और 22.8% को पूरी तरह से टीका लगाया गया था।

• सिंगापुर में, जहां डेल्टा सबसे आम प्रकार है, सरकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इसके कोरोनावायरस के तीन चौथाई मामले टीकाकरण वाले व्यक्तियों में हुए, हालांकि कोई भी गंभीर रूप से बीमार नहीं था।

• इज़राइली स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि वर्तमान में अस्पताल में भर्ती कोविड 19 ​​​​के 60% मामले टीकाकरण वाले लोगों में हैं। उनमें से अधिकतर 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं और अक्सर अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।

• संयुक्त राज्य डेल्टा अमेरिका में कोविड-19 से सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है। डेल्टा संस्करण का कहर अब अमेरिका पर बरस रहा है। डेल्टा संस्करण लगभग 83% नए संक्रमणों के मामले सामने आए। ‌और अब तक, गैर-टीकाकरण वाले लोग में लगभग 97% गंभीर मामले दर्ज किए गए हैं। 

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