Myanmar : म्यांमार में नजरबंदी से अमेरिकी पत्रकार रिहा, अदालत में केस हुआ खारिज

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से परिस्थितियां कुछ ठीक नहीं हैं। देश में लोकतंत्र के समर्थकों का प्रदर्शन लगातार जारी है। देश में चल रहे प्रदर्शनों को कारण बहुत बड़ी तादाद में म्यांमार के लोगों ने भारत में शरण ली हुई है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 06:42 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 06:44 PM (IST)
Myanmar : म्यांमार में नजरबंदी से अमेरिकी पत्रकार रिहा, अदालत में केस हुआ खारिज
म्यांमार में नजरबंदी से अमेरिकी पत्रकार रिहा, कोर्ट में केस हुआ खारिज। फाइल फोटो।

यंगून, एजेंसी। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से परिस्थितियां कुछ ठीक नहीं हैं। देश में लोकतंत्र के समर्थकों का प्रदर्शन लगातार जारी है। देश में चल रहे प्रदर्शनों को कारण बहुत बड़ी तादाद में म्यांमार के लोगों ने भारत में शरण ली हुई है। बीते दिनों जुंटा द्वारा दो अमेरिकी पत्रकारों को गिरफ्तार करने की खबर सामने आई थी, जिसके बाद अमेरिक के विदेश मंत्रालय ने उन्हें रिहा करने की अपील की थी।

कोर्ट में केस हुआ खारिज

अमेरिका की अपील के बाद आज दोनों अमेरिकी पत्रकारों को म्यांमार में नजरबंदी से रिहा कर दिया गया है। दोनों मंगलवार को देश से बाहर जाने के लिए फ्लाइट लेंगे। पत्रकारों के वकील ने बताया कि, कोर्ट में मामला पेश होने के बाद, माननीय न्यायाधीश ने केस को खारिज कर दिया। जिसके बाद दोनों को रिहा कर दिया गया है।

अमेरिका ने जताई थी चिंता

अमेरिका ने जुंटा के अधिकारियों द्वारा नाथन मोंग और एक अन्य अमेरिकी नागरिक डेनियल फेनस्टर को हिरासत में लिए जाने पर चिंता व्यक्त की थी। पिछले दिनों, म्यांमार के सैन्य अधिकारियों से अपील करते हुए अमेरिका के उप विदेशमंत्री वेंडी शरमन ने कहा थी कि, किसी भी समृद्ध, लचीले और मुक्त समाज के निर्माण के लिए मीडिया की स्वतंत्रता जरूरी होती है। डेनियल और नाथन की गिरफ्तारी और सेना द्वारा अन्य पत्रकारों की गिरफ्तारी, उनके साथ हिंसा म्यांमार में अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है।’ गौरतलब है, कि 37 वर्षीय डेनियल फेनस्टर समाचार और बिजनेस मैगजीन ‘फ्रंटियर म्यांमा’ के एडीटर हैं और उन्हें मलेशिया के कुआललांपुर जाने के दौरान यांगून अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 24 जून को गिरफ्तार किया गया। वहीं नाथन मौंग न्यूज वेबसाइट ‘कामयुत मीडिया’ के सह संस्थापक हैं और उन्हें 9 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

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