श्रीलंका में अलकायदा, आइएस सहित 11 आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध, मिलेगी 10 से 20 साल कैद

श्रीलंका सरकार ने देश में चरमपंथी गतिविधियों से जुड़े होने के कारण इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अल कायदा समेत 11 कट्टर इस्लामी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। आतंकवाद निरोधक कानून के तहत दोषी को मिलेगी 10 से 20 साल कैद।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 08:40 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 08:40 AM (IST)
श्रीलंका में अलकायदा, आइएस सहित 11 आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध, मिलेगी 10 से 20 साल कैद
अलकायदा और इस्लामिक स्टेट (आइएस) जैसे कुख्यात आतंकी शामिल। (फोटो: दैनिक जागरण)

कोलंबो, प्रेट्र। आतंकी गतिविधियों से जूझ रहे श्रीलंका ने बड़ा कदम उठाया है। श्रीलंका सरकार ने ग्यारह कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों पर प्रतिबंध की घोषणा की है। इन संगठनों में अलकायदा और इस्लामिक स्टेट (आइएस) जैसे कुख्यात आतंकी ग्रुप भी शामिल हैं। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ टेरेरिज्म प्रोविजन एक्ट के तहत की गई है। इस संबंध में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने विशेष शासकीय अधिसूचना जारी की है।

इसमें आतंकी गतिविधियों में शामिल होने पर दस से बीस साल तक की कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। प्रतिबंधित किए जाने वाले संगठनों में स्थानीय श्रीलंका इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट सहित कई मुस्लिम संगठन हैं। प्रतिबंध के लिए 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेन ने एक पैनल घोषित किया था। उक्त पैनल की रिपोर्ट पर कार्रवाई की गई है।

आतंकवाद निरोधक कानून के तहत दोषी को मिलेगी 10 से 20 साल कैद 

अधिसूचना के अनुसार, कानून का पालन न करने वाले या ऐसी किसी साजिश में शामिल होने वाले किसी भी दोषी व्यक्ति को 10 से 20 साल कैद की सजा हो सकती है। प्रतिबंधित संगठनों में श्रीलंका इस्लामी छात्र आंदोलन समेत कुछ स्थानीय मुस्लिम समूह शामिल हैं।

बता दें कि वर्ष 2019 में ईस्टर पर हुए आत्मघाती हमले के बाद श्रीलंका सरकार ने स्थानीय जिहादी समूह नेशनल तौहीद जमात तथा दो अन्य संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था। राष्ट्रपति की तरफ से गठित पैनल ने उन मुस्लिम विद्रोही संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी जो बौद्ध बहुल देश में कट्टरपंथ की वकालत करते हैं।

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