देश को उथल-पुथल करने के बाद अब तालिबान का सामना अफगान की अर्थव्यवस्था से

अफगानिस्तान के नए तालिबानी शासकों के हाथ में देश पर शासन करने की जिम्मेदार है। सत्ता हाथ में आने पर इस्लामी आतंकवादी समूह ने अभी तक नई सरकार का नाम नहीं लिया है और ना ही यह खुलासा नहीं किया है कि वे कैसे शासन करना चाहते हैं।

By Avinash RaiEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 11:00 PM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 11:00 PM (IST)
देश को उथल-पुथल करने के बाद अब तालिबान का सामना अफगान की अर्थव्यवस्था से
देश को उथल-पुथल करने के बाद अब तालिबान का सामना अफगान की अर्थव्यवस्था से

काबुल, रायटर। अफगानिस्तान के नए तालिबानी शासकों के हाथ में देश पर शासन करने की जिम्मेदार है। 20 साल सत्ता से दूर रहने के बाद 15 अगस्त को तालिबान ने देश पर अपना कब्जा कर लिया। सत्ता हाथ में आने पर इस्लामी आतंकवादी समूह ने अभी तक नई सरकार का नाम नहीं लिया है और ना ही यह खुलासा नहीं किया है कि वे कैसे शासन करना चाहते हैं।

देश में चीजों की कीमतें बढ़ती जा रही है लेकिन तालिबान के लिए अब सबसे पहली चिंता आर्थिक पतन को रोकना है। काबुल में बैंकों से लोग नकदी निकालने की कोशिश कर रहे है, क्योंकि बाजारों में कीमतें बढ़ गईं है। अफगान की मुद्रा गिर रही है और महंगाई तेजी से बढ़ती जा रही है, जबकि कई कार्यालय और दुकानें बंद हैं। 

 

हथियारों से लैस तालिबान लड़ाकों ने काबुल पर नियंत्रण कर लिया है। तालिबान के अधिकारी बैंकों, अस्पतालों और सरकारी मशीनरी को चलाने के लिए जूझ रहे है। कतर के अल जज़ीरा टेलीविजन ने बताया कि कतर के तकनीकी विशेषज्ञ तालिबान के अनुरोध पर शहर के हवाई अड्डे पर संचालन फिर से शुरू करने पर चर्चा करने के लिए काबुल पहुंचे थे, फिलहाल अभी वह हवाई अड्डे बंद है।

तालिबान के साथ घनिष्ठ संबंध रखने वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अफगानिस्तान में कुछ दिनों में एक नई आम सहमति सरकार देखने को मिलेगी।

तालिबान ने बैंकों को फिर से खोलने का आदेश दिया है लेकिन निकासी पर सख्त साप्ताहिक सीमाएं लगाई गई हैं। तालिबान अधिकारियों ने कहा है कि सरकार बनने के बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा। हम दूसरे देशों से आर्थिक संबंध बनाए रखने की अपील कर रहे है। साथ ही एक नया केंद्रीय बैंक प्रमुख नियुक्त किया गया है।

तालिबान के दावों पर अफगानिस्तान के बाहर के एक बैंकर ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वे इसे कैसे संभालेंगे क्योंकि वरिष्ठ प्रबंधन सहित सभी तकनीकी कर्मचारी देश छोड़ चुके हैं।

इन सबके बीच, तालिबान शासन से भयभीत अफगान नागरिक अपने भविष्य को बचाने के लिए देश की सीमाओं पर पहुंच गए है। तालिबान के वरिष्ठ नेता अमीर खान मोतकी ने पंजशीर प्रांत को हथियार डालने और शत्रुता को समाप्त करने के लिए बातचीत करने का आह्वान किया।

अमीर खान मोतकी ने एक भाषण में यह भी कहा कि 'अफगानिस्तान का इस्लामी अमीरात सभी अफगानों का घर है।' तालिबान ने उन सभी अफगानों को माफ करने की घोषणा की है, जिन्होंने युद्ध के दौरान विदेशी बलों के साथ काम किया था।

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