अफगानिस्तान: तालिबान के शीर्ष नेतृत्व के बीच दरार की खबरें, सरकार में अंतर्विरोध और विभाजन गहराया

उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर सार्वजनिक परिदृश्य से गायब हो गए थे। फिर खबरें आईं कि उनकी हत्या कर दी गई है। मुल्ला बिरादर का एक रिकॉर्डेड बयान आया वह खुद सामने नहीं आए। आखिर अंदरखाने क्या चल रहा है ?

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 12:16 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 12:27 PM (IST)
अफगानिस्तान: तालिबान के शीर्ष नेतृत्व के बीच दरार की खबरें, सरकार में अंतर्विरोध और विभाजन गहराया
तालिबान के शीर्ष नेतृत्व में सबकुछ ठीक नहीं है ?(फोटो: दैनिक जागरण)

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में तालिबान नेतृत्व के बीच विभाजन की खबरें आ रही हैं। पिछले महीने अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले समूह के भीतर अंतर्विरोध इस समय चरम पर है। हाल ही में उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का सार्वजनिक मंचों से गायब होना दर्शाता है कि तालिबान के शीर्ष नेतृत्व के भीतर सब ठीक नहीं है।अल जज़ीरा ने बताया है कि तालिबान नेतृत्व के बीच विभाजन की खबरें आई हैं, जिसने पिछले महीने अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान के अंदर की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सूत्रों ने अल जज़ीरा को बताया कि तालिबान के शीर्ष नेतृत्व के बीच कलह बहुत हद तक वास्तविक है और अगर यह दरार बढ़ती है तो यह लोगों के लिए परेशानी का सबब बनेगी। तालिबान की एकता के बारे में जनता का संदेह इस महीने की शुरुआत में ही बढ़ गया था, जब बरादार सार्वजनिक रूप से गायब हो गए थे। कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि उन्हें मार दिया गया है। मुल्ला बिरादर खुद सामने नहीं आए, बल्कि एक रिकार्डेड बयान आया। इस रिकार्ड में बरादर ने सार्वजनिक रूप से अपनी अनुपस्थिति का कारण यात्रा बताया था। अपना बयान पढ़ते हुए उन्होंने किसी तरह के विरोध को खारिज करते हुए कहा कि तालिबान आपस में एक परिवार से अधिक प्रेम रखते हैं।

हालांकि, तालिबान को कवर करने में कई साल बिताने वाले एक लेखक और रिपोर्टर ने कहा कि विभाजन राजनीतिक-सैन्य विभाजन का परिणाम है। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, कट्टरपंथियों ने कहा कि महसूस करते हैं कि उन पर 20 साल की लड़ाई का बकाया है। एक राजनीतिक स्रोत जिसका तालिबान के शीर्ष अधिकारियों के साथ दशकों पुराना संबंध है, उन्होंने सहमति व्यक्त की और कहा कि दरार का प्रभाव सत्ता से लेकर सड़कों तक फैला हुआ है जहां तालिबानी प्रमुख शहरों से गुजर रहे हैं और जबरन पूर्व अधिकारी और उनके परिवार का सामान उठा ले जा रहे हैं।

सूत्र ने कहा कि फिलहाल उन्हें केवल लोगों की कारों और घरों की परवाह है। पूर्व अधिकारियों के परिवारों ने अल जज़ीरा को बताया है कि तालिबानियों ने उनके घर और उनकी निजी कारों सहित उनके सामान को जब्त करने की कोशिश की है। यह हाल सूचना और संस्कृति के उप मंत्री जबीहुल्लाह मुजाहिद के देश पर तालिबान के कब्जे के दो दिन बाद आए उस बयान के बावजूद है, जिसमें उन्होंने सभी को निर्देश दिया कि वे लोग किसी के घर में प्रवेश न करें चाहे वे नागरिक हों या सैनिक।

17 अगस्त को एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान मुजाहिद ने आगे कहा कि हमारे और पिछली सरकार के बीच बहुत बड़ा अंतर है। हालांकि, स्थिति से परिचित लोगों के लिए वर्तमान तालिबान नेतृत्व को पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार के गुटों के साथ कई मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, जो तालिबान के काबुल पर कब्जा करने वाले दिन देश छोड़कर भाग गए थे।

सूत्रों ने अल जज़ीरा को बताया कि अन्य अफगान सरकारों की तरह, तालिबान के बीच विभाजन व्यक्तित्व के आधार पर होता है, लेकिन पिछले सरकारों के विपरीत, तालिबान न केवल अति महत्वाकांक्षी सदस्यों या राजनीतिक विचारों का विरोध करने से पीड़ित है इसका विभाजन कहीं अधिक मौलिक है।

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