अफगानिस्तान के पूर्व पीएम अहमद शाह अहमदजई का निधन, तालिबान कब्जे से पहले चलाई थी सरकार

अफगानिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री अहमद शाह अहमदजई का 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। पजवोक अफगान न्यूज (Pajhwok Afghan News) ने इसकी जानकारी दी है। तालिबान के देश पर नियंत्रण करने से पहले अहमदजई ने अफगानिस्तान पर शासन किया है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 02:48 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 02:48 PM (IST)
अफगानिस्तान के पूर्व पीएम अहमद शाह अहमदजई का निधन, तालिबान कब्जे से पहले चलाई थी सरकार
अफगानिस्तान के पूर्व पीएम अहमद शाह अहमदजई का निधन, तालिबान कब्जे से पहले चलाई थी सरकार

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री अहमद शाह अहमदजई का 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। पजवोक अफगान न्यूज (Pajhwok Afghan News) ने इसकी जानकारी दी है। तालिबान के देश पर नियंत्रण करने से पहले अहमदजई ने 1995 से 1996 तक अफगानिस्तान के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया।

अहमद शाह अहमदजई 1992 से 1994 तक अफगानिस्तान सरकार में विभिन्न प्रमुख पदों पर कार्यरत कर चुके हैं। बता दें कि तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया था और पूर्व प्रधानमंत्री को देश छोड़ना पड़ा था। भारत में रह रहे अहमद शाह अहमदजई इसी महीने भारत से अफगानिस्तान लौटे थे।

काबुल में  हुआ था जन्म,  कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी में मिली थी छात्रवृति

अहमद शाह अहमदजई का जन्म अफगानिस्तान की राजधानी काबुल प्रांत के खाकी जब्बार जिले के एक गांव मलंग में हुआ था। उन्होंने काबुल विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर कृषि मंत्रालय में काम किया। वर्ष 1972 में उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका में कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति मिली थी। उन्होंने 1975 में मास्टर डिग्री प्राप्त की और सऊदी अरब में किंग फैसल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बन गए थे।

1978 में कम्युनिस्ट तख्तापलट के बाद, अहमदजई मुजाहिदीन में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान लौट आए। वह बुरहानुद्दीन रब्बानी के करीबी सहयोगी थे। वो जमीयत-ए-इस्लामी पार्टी के डिप्टी बने, लेकिन फिर छोड़ दिया और 1992 में अब्दुल रसूल सय्यफ के इस्लामिक आर्गनाइजेशन आफ अफगानिस्तान पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने कम्युनिस्ट के बाद की अफगान सरकार में एक मंत्री के रूप में विभिन्न आंतरिक, निर्माण और शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया था। साथ ही 1995 और 1996 के बीच प्रधानमंत्री का पद संभाला।

बता दें कि फिलहाल अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा कर लिया है। यहां पर अब तालिबान शासन कर रहे हैं, जिसके बाद से लोगों में भय बना हुआ है। महिलाओं, बच्चों की स्थिति लगातार तालिबान राज में खराब हो रही है। 

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