अफगान बलों के समर्थन में सड़कों पर उतरी काबुल की जनता, तालिबान और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी
हेरात शहर में पिछले छह दिनों से भीषण युद्ध छिड़ा हुआ है। तालिबान आतंकी शहर के करीब आकर लड़ाई कर रहे हैं। इसके साथ ही काबुल की जनता भी अफगान सुरक्षाबलों के समर्थन के लिए सड़कों पर उतर आई है।
काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरल्लाह सालेहने मंगलवार रात युद्धग्रस्त देश में बढ़ती हिंसा के बीच काबुल में तालिबान और पाकिस्तान के खिलाफ नागरिकों के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। हेरात शहर में पिछले छह दिनों से भीषण युद्ध छिड़ा हुआ है। तालिबान आतंकी शहर के करीब आकर लड़ाई कर रहे हैं। इसके साथ ही यहां की जनता भी सड़कों पर उतर आई है। जनता आतंकियों के साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर रही है।
अमरल्लाह सालेह ने हेरात शहर के हालात को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि हेरात में आतंकियों के खिलाफ जनता भी सड़क पर उतर आई है। यहां पर 'अल्लाह हो अकबर' के नारे लग रहे हैं। आतंकियों के साथ ही जनता पाकिस्तान के खिलाफ भी नारेबाजी कर रही है। यहां नारे लग रहे हैं, 'अल्लाह पाकिस्तान का बनाया हुआ नहीं है।'
राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय के पूर्व निदेशक सालेह तालिबान के लिए पाकिस्तान के समर्थन के खिलाफ मुखर रहे हैं। सालेह उस आंदोलन के एक प्रमुख सदस्यों में थे जिसने 1990 के दशक के दौरान तालिबान से लड़ाई लड़ी थी।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू होने के बाद से ही तालिबान की हिंसा बढ़ गई है। तालिबान ने नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले तेज कर दिए हैं। वही, अफगान अधिकारियों ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों की सहायता करने का आरोप लगाया है। इसके विपरीत, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि तालिबान के कार्यों के लिए उनका देश जिम्मेदार नहीं है।
बता दें कि अमेरिका 31 अगस्त तक पूरी तरह से अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुला लेगा। वहीं, पिछले कुछ हफ्तों में तालिबान ने देश के पूर्वोत्तर प्रांत तखर सहित अफगानिस्तान के कई जिलों पर कब्जा कर लिया है।