अफगान के दुभाषिए का सिर कलम कर तालिबान ने की निर्मम हत्या, अमेरिकी सैनिकों के लिए किया था काम

16 महीने तक अमेरिकी सैनिकों के लिए अनुवादक का काम करने वाले दुभाषिए सोहेल पार्दिस का सिर कलम कर तालिबान ने निर्मम हत्या को अंजाम दिया है। अगले महीने के अंत तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी पूरी हो जाएगी।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 09:52 AM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 09:52 AM (IST)
अफगान के दुभाषिए का सिर कलम कर तालिबान ने की निर्मम हत्या, अमेरिकी सैनिकों के लिए किया था काम
अफगान के दुभाषिए का सिर कलम कर तालिबान ने की निर्मम हत्या, अमेरिकी सैनिकों के लिए किया था काम

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के लिए अनुवादक का काम करने वाले दुभाषिए सोहेल पार्दिस (Sohail Pardis) का सिर कलम कर तालिबानियों ने मार डाला। विदेशी सैनिकों की वापसी के साथ ही देश के अधिकांश हिस्सों पर तालिबानियों ने कब्जा कर लिया है। ईद के लिए सोहेल पार्दिस अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपने घर से निकल कर करीबी प्रांत खोश्त (Khost province) जा रहे थे। उन्हें अपनी बहन को घर लाना था।  तभी रास्ते में तालिबानियों ने उनका रास्ता रोक लिया। प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों ने बताया कि तालिबानियों ने पहले उनकी कार को निशाना बनाया। इसके बाद सोहेल को खींचकर बाहर निकाला और उनका सिर कलम कर दिया। यह घटना 12 मई की है। इसके एक दिन पहले ही सोहेल ने अपने दोस्तों को बताया था कि उसे तालिबान से मारने की धमकियां मिल रहीं हैं।

अमेरिकी सेना के लिए सोहेल ने 16 महीने तक अनुवादक (translator) के तौर पर काम किया। सोहेल के मित्र और सहकर्मी अब्दुलहाक अयूबी (Abdulhaq Ayoubi) ने सीएनएन को बताया, 'सोहेल को वे कह रहे थे कि तुम अमेरिकियों के जासूस हो और हम तुम्हें और तुम्हारे परिवार को मार देंगे।' जून में जारी किए गए एक बयान में तालिबान ने कहा था कि यह विदेशी सैनिकों के साथ काम करने वालों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। तालिबान के प्रवक्ता ने सीएनएन को बताया कि इस दुर्घटना के बारे में पता करने की कोशिश कर रहे हें लेकिन यह भी कहा कि कुछ दुर्घटनाएं वैसी नहीं होती जैसी पेश की जाती हैं। लेकिन CNN से जिनकी भी बात हुई उनका कहना है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैन्य वापसी के साथ ही तालिबान के कारण उनकी जिंदगियां खतरे में है।

अफगानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय सेना की वापसी के कारण उनकी मदद करने वाले हजारों अफगान दुभाषियों को भी सुरक्षित ठिकानों को छोड़ना पड़ रहा है। अमेरिका की मदद करने की वजह से कई अफगान दुभाषिए तालिबान के निशाने पर हैं। हालांकि ऐसे दुभाषियों के लिए अमेरिका की बाइडन सरकार ने वीजा देने का प्रोग्राम शुरू किया है लेकिन प्रक्रिया बेहद धीमी है।  

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