तालिबान के हाथों मारे जा सकते हैं विदेशी सेनाओं के अफगानी सहायक, दी जा रही हैं धमकियां

अमेरिका ने इन लोगों के लिए विशेष आव्रजक वीजा (एसआइवी) की व्यवस्था की हुई है। इसमें भी समस्याएं आ रही हैं। पहले तो सभी की परिस्थिति अपने परिवार को लेकर देश छोड़ने की नहीं हैं। जो जाना चाहते हैं उनमें भी दस्तावेज पूरा करने की कार्रवाई आसान नहीं है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 05:10 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 05:10 PM (IST)
तालिबान के हाथों मारे जा सकते हैं विदेशी सेनाओं के अफगानी सहायक, दी जा रही हैं धमकियां
सेना वापसी के बाद मारने की धमकी दे रहे तालिबानी

काबुल, एपी। अमेरिकी सेना के साथ बीस साल दुभाषिया के रूप में काम करने वाले अयाजुद्दीन हिलाल को अमेरिकी सेना के हाथों कई प्रशस्ति पत्र और मेडल मिले हैं। उसने गोलाबारी और हवाई हमलों के बीच विदेशी सैनिकों के साथ काम किया। सेना वापसी के दौरान अब तालिबान के हाथों मौत का डर उसे सताने लगा है।

तालिबान विदेशी सेनाओं के साथ काम करने वाले उन हजारों लोगों को धमका रहे हैं। हिलाल ने बताया कि वो कहते हैं, 'तुम्हारे सौतेले भाई अब जा रहे हैं, देखेंगे, कौन बचाएगा।'

अफगानिस्तान में बीस साल से अमेरिका और नाटो सेनाओं के सहायक बनकर काम करने वाले सभी अफगानियों की यही कहानी है। इन सभी की अपनी और परिवार की सुरक्षा को लेकर नींद उड़ी हुई है।

हालांकि अमेरिका ने इन लोगों के लिए विशेष आव्रजक वीजा (एसआइवी) की व्यवस्था की हुई है। इसमें भी समस्याएं आ रही हैं। पहले तो सभी की परिस्थिति अपने परिवार को लेकर देश छोड़ने की नहीं हैं। जो जाना चाहते हैं, उनमें भी दस्तावेज पूरा करने की कार्रवाई आसान नहीं है। अमेरिकी प्रशासन भी अब वीजा बनवाने की प्रक्रिया को आसान बना रहा है। सरकार के स्तर पर पहले से ही सैकड़ों अफगानियों के वीजा प्रक्रियागत दिक्कतों के कारण लंबित हैं।

ज्ञात हो कि 2016 से अब तक तीन सौ से ज्यादा अफगानी दुभाषिए तालिबानी आतंकियों के द्वारा मारे जा चुके हैं।

अफगानिस्तान में हिंसा का दौर फिर हुआ तेज, 31 की मौैत

अफगानिस्तान में तालिबान के ईद पर तीन दिन युद्धविराम की घोषणा के बाद भी हिंसा में कोई फर्क नहीं पड़ा है। यहां ईद पर भी हिंसा होती रही। हिंसा में 31 लोगों की मौत हो गई। हेलमंद प्रांत के पुलिस प्रमुख ने आरोप लगाया है कि तालिबान ने युद्धविराम की शर्तो का पालन नहीं किया। अफगानी सेना ने भी हिंसा करने वाले आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में 21 को ढेर कर दिया। 13 आतंकी घायल हुए हैं।

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