अफगानिस्‍तान से 100 तालिबानी कैदी रिहा, शांति समझौते के तहत हुई थी डील

अफगानिस्‍तान ने 100 तालिबानी कैदियों को रिहा कर दिया है। रिहाई के लिए शांति समझौते के दौरान ही डील की गई थी।

By Monika MinalEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 01:43 PM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 01:43 PM (IST)
अफगानिस्‍तान से 100 तालिबानी कैदी रिहा,  शांति समझौते के तहत हुई थी डील
अफगानिस्‍तान से 100 तालिबानी कैदी रिहा, शांति समझौते के तहत हुई थी डील

काबुल, एजेंसी। अफगानिस्तान ने बुधवार को 100 तालिबानी कैदियों को रिहा कर दिया। साथ ही यह भी दावा किया कि रिहा किए गए ये कैदी उन 5000 में शामिल हैं, जिन्हें विद्रोहियों और अमेरिका के बीच हुए डील के तहत छोड़ा जाना था। लेकिन तालिबान ने कहा कि रिहा किए गए लोगों के नाम उस डील में थी या नहीं इसका पता किया जा रहा है।

बाल्‍क प्रांत में सुरक्षा बलों पर तालिबान ने हमला कर दिया जिसमें सात अफगान नागरिक मारे गए। यह जानकारी स्‍थानीय अधिकारियों ने बुधवार को दी है। तालिबान ने कहा है कि कतर में फरवरी माह में हुए समझौते का अमेरिका उल्‍लंघन कर रहा है। हालांकि अमेरिका ने इससे इनकार किया है।

बता दें कि अफगानिस्‍तान में शांति स्‍थापना के तहत लिए फैसले में दोनों तरफ से कैदियों की रिहाई का फैसला हुआ है। अफगान सरकार 100 तालिबानी कैदियों को रिहा करेगी वहीं तालिबान 20 कैदियों को रिहा करेगा। हाल में ही तालिबन द्वारा किए गए हमले में 25 अफगान जवान मारे गए थे। इस बीच इस्‍लामिक देशों के संगठन ओआईसी समेत संयुक्‍त राष्‍ट्र ने तालिबान से हथियार डालने और शांति कायम करने की अपील की।

कैदियों की रिहाई को लेकर वार्ता के लिए तालिबान का तीन सदस्‍यीय दल काबुल आया था जिसके बाद इनकी रिहाई का रास्‍ता प्रशस्‍त हुआ। उल्‍लेखनीय है कि यह रिहाई 1 मार्च को ही होनी थी लेकिन अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी ने इसे टाल दिया था। उनका कहना था कि तकनीकी समस्‍याओं को सुलझाने के बाद इसपर कार्रवाई होगी।

इस डील के बाद भी तालिबानियों द्वारा जारी हमलों के बारे में एक तालिबानी सदस्‍य ने बताया कि कैदियों की रिहाई में हो रही देरी के कारण ही ये हमले किए जा रहे हैं। हाल में ही अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन व अफगानिस्‍तान की सांसद ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में अफगानिस्‍तानी महिलाओं और देश की की समस्‍या पर कहा था कि सत्‍ता में आने के बाद तालिबान महिलाओं के लिए अधिकारों के मुहिम को ठप कर देगा।

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