इमरान के तालिबान को सामान्य नागरिक वाले बयान की अफगान राजदूत फरीद ममुंडजे ने की तीखी आलोचना

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा तालिबानियों को सामान्य नागरिक करार देने पर भारत में अफगान राजदूत फरीद ममुंडजे ने शुक्रवार को इमरान खान की तीखी आलोचना की। राजदूत फरीद ममुंडजे ने कहा कि अफगानिस्तान की आम जनता हथियार नहीं उठाती और ना ही समाज के खिलाफ अपराध करती हैं।

By Avinash RaiEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 10:00 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 10:00 PM (IST)
इमरान के तालिबान को सामान्य नागरिक वाले बयान की अफगान राजदूत फरीद ममुंडजे ने की तीखी आलोचना
इमरान द्वारा दिए गए तालिबान के सामान्य नागरिक वाले बयान की अफगान राजदूत फरीद ममुंडजे ने की तीखी आलोचना

नई दिल्ली, एएनआइ। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा तालिबानियों को सामान्य नागरिक करार देने पर भारत में अफगान राजदूत फरीद ममुंडजे ने शुक्रवार को इमरान खान की तीखी आलोचना की। राजदूत फरीद ममुंडजे ने कहा कि अफगानिस्तान की आम जनता हथियार नहीं उठाती और ना ही समाज के खिलाफ अपराध करती है।

एएनआई से बात करते हुए राजदूत फरीद ममुंडजे ने कहा कि हम किसी भी आधार पर तालिबान को अफगानिस्तान का सामान्य नागरिक नहीं कह सकते हैं। तालिबानियों ने यहां के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया हैं और इन लोगों ने यहां की आम जनता का विनाश किया हैं, जिससे हमारे समाज को बहुत नुकसान हुआ है। मुझे लगता है कि आम नागरिक ऐसे अपराध नहीं करते जो मानव जाती के लिए क्रूर हों। उन्होंने आगे कहा कि आम नागरिक वे होते हैं जो हथियार नहीं उठाते और ना ही कानून का शासन अपने हाथों में लेते हैं और ना ही ऐसे गंभीर अपराध करेंगे। ऐसे लोग कुछ भी हो सकते हैं, मगर ऐसे लोग देश के आम नागरिक नहीं हो सकते।

अफगान राजदूत फरीद ममुंडजे भारत और अफगान सांस्कृतिक सप्ताह में भाग लेने के लिए रायसीना हाउस आए थे, इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर कड़ी टिप्पणी की।

इससे पहले मंगलवार को इमरान खान ने बोला था कि तालिबान कुछ सैन्य संगठन नहीं हैं, बल्कि सामान्य नागरिक हैं। मंगलवार रात को प्रसारित पीबीएस न्यूज़हॉर के साथ एक साक्षात्कार में इमरान खान ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान में इस समय 30 लाख अफगान शरणार्थी हैं, जिनमें से अधिकांश पश्तून हैं, जो तालिबान लड़ाकों के समान जातीय समूह है। इस समय पाकिस्तान में 500,000 - 100,000 लोगों के शिविर हैं और तालिबान कोई सैन्य संगठन नहीं है, वे सामान्य नागरिक हैं। अगर इन शिविरों में कुछ नागरिक हैं, तो पाकिस्तान इन लोगों को कैसे मारेगा? पाकिस्तान द्वारा तालिबान की खुफिया जानकारी, सैन्य और आर्थिक मदद के आरोप के आरोपों को बेहद अनुचित बताया।

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