तालिबान हमले में 9 अफगान सुरक्षाकर्मियों की मौत, मरने वालों में तीन पुलिस अफसर भी शामिल

अफगान शांति प्रक्रिया के बीच एक बार फ‍िर तालिबान ने अफगान सुरक्षा बलों पर हमला किया है। इस हमले से शांति प्रक्रिया को धक्‍का लग सकता है। गत एक सप्‍ताह में अफगानिस्‍तान में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 12:45 PM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 12:45 PM (IST)
तालिबान हमले में 9 अफगान सुरक्षाकर्मियों की मौत, मरने वालों में तीन पुलिस अफसर भी शामिल
अफगानिस्‍तान मेंं तालिबान हमले की फाइल फोटो

काबूल, एजेंसी। अफगानिस्‍तान शांति प्रक्रिया के बीच तालिबान के एक हमले में नौ अफगान सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई है। मरने वालों में तीन पुलिस अफसर भी शामिल हैंं। इस घटना में चार अन्‍य जवान घायल हैं। यह हमला काबूल से 245 किलोमीटर दूर एक सुरक्षा चौकी पर किया गया। हालांकि, इस हमले की अभी तक विस्‍तृत जानकारी मुहैया नहीं हो पाई है। अफगानिस्‍तान सुरक्षा प्रवक्‍ता के अनुसार सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में सभी तालिबान लड़ाके मारे गए हैं। इस हमले को लेकर तालिबान ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

इसके पूर्व 16 अगस्‍त को भी तालिबान आंतकियों ने सुरक्षा बलों के चेकपॉइंटस को उड़ाने की कोशिश की थी। अफगान सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 21 तालिबान विद्रोही मारे गए थे। शिन्हुआ न्यूज ने अफगान सेना के हवाले से बताया था कि अफगानिस्तान के दो प्रांतों बदगीस और गजनी में स्पेशल ऑपरेशन के तहत ये आतंकी मारे गए। आंतकी सुरक्षाबलों के चेकपॉइंट्स को उड़ाने की तैयारी में थे। उससे पहले ही सेना ने हमला करके उनकी इस चाल को नाकाम कर दिया था। 

हाल में कतर की राजधानी दोहा में शुरू हुई अफगान-तालिबान वार्ता पर अफगानिस्‍तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जल्‍माय खलीलजाद ने उम्‍मीद जाहिर की थी कि अब यह वार्ता एक नए दौर में प्रवेश कर चुकी है। उन्‍होंने कहा था कि इससे अफगान-तालिबान के बीच शांति प्रक्रिया को एक नया मार्ग प्रशस्‍त होगा। विशेष प्रतिनिधि ने कहा इसी के साथ अफगानिस्‍तान में दो दशकों से चला आ रहा उग्रवाद समाप्‍त होगा और विदेशी सैनिकों की वापसी संभव होगी। लेकिन वार्ता के समय से अफगान सेना और तालिबान के बीच संघर्ष तेज हो गया है। फरवरी में अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता समझौते पर हस्ताक्षर के बाद से अब तक 12 हजार नागरिक मारे जा चुके हैं।  

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