अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से 257 अफगान मीडिया संस्थान बंद हुए

तालिबान के नेतृत्व वाली इस्लामिक अमीरात सरकार के अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि वे मीडिया की उपलब्धियों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। लेकिन मीडिया संचालन के लिए इस्लामिक अमीरात के हाल में जारी कुछ आदेश ने सबकी चिंता बढ़ाई है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 12:16 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 12:16 PM (IST)
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से 257 अफगान मीडिया संस्थान बंद हुए
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से 257 अफगान मीडिया संस्थान बंद हुए

काबुल, आइएएनएस। अफगानिस्तान पर तालिबान के राज के बाद क्या कुछ हुआ, वह किसी से छुपा नहीं है। और तो और मीडिया पर भी तालिबानियों ने राज कायम कर लिया है। एक एनजीओ के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से, कुल 257 मीडिया आउटलेट 'वित्तीय चुनौतियों और प्रतिबंधों के कारण' बंद किए जा चुके हैं। टोलो न्यूज ने बताया कि एनएआई, समूह जो 2004 से अफगान मीडिया उद्योग की वकालत कर रहा है और उसे समर्थन दे रहा है, ने मंगलवार को कहा कि बंद आउटलेट में प्रिंट, रेडियो और टीवी स्टेशन शामिल हैं।

एनएआई के अनुसार, 15 अगस्त को काबुल के तालिबान के हाथों में पहुंचने के बाद से 70 प्रतिशत से अधिक अफगान मीडियाकर्मी बेरोजगार हो गए हैं या देश छोड़कर चले गए हैं। रिपोर्टों से यह भी पता चला है कि तालिबान शासन के 100 दिनों के दौरान, अज्ञात सशस्त्र लोगों के हमले, विस्फोट, आत्महत्या और यातायात की घटनाओं सहित विभिन्न घटनाओं में छह पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई है।

तालिबान के नेतृत्व वाली इस्लामिक अमीरात सरकार के अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि वे मीडिया की उपलब्धियों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। लेकिन मीडिया संचालन के लिए इस्लामिक अमीरात के हाल में जारी कुछ आदेश ने सबकी चिंता बढ़ाई है।

ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने सोमवार तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में सख्त नए मीडिया दिशानिर्देश लागू करने के बारे में चिंता जताई जो विशेष रूप से महिलाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। एचआरडब्ल्यू ने एक बयान में कहा कि तालिबान के खुफिया अधिकारियों ने उन पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी है, जिन्होंने तालिबान अधिकारियों की आलोचना की है और पत्रकारों को प्रकाशन से पहले अनुमोदन के लिए सभी रिपोर्ट जमा करने की आवश्यकता है।

राइट्स ग्रुप ने कहा कि वाइस एंड वर्ट्यू मिनिस्ट्री के नए दिशा-निर्देश के तहत, अफगानिस्तान में महिलाओं को टेलीविजन नाटकों में प्रदर्शित होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। महिला पत्रकारों और प्रस्तुतकर्ताओं को भी स्क्रीन पर हेडस्कार्फ पहनने का आदेश दिया गया है, हालांकि दिशानिर्देश यह नहीं कहते हैं कि किस प्रकार के कवर का उपयोग करना है। रिपोर्टर्स का कहना है कि कुछ नियम अस्पष्ट हैं और व्याख्या के अधीन हैं।

कई पत्रकारों ने कहा कि तालिबान पर रिपोर्ट प्रकाशित करने के तुरंत बाद स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें तलब किया है। एक पत्रकार जिसने तालिबान के घरों में तलाशी लेने और लोगों को पीटने की शिकायत की थी, ने कहा कि डिप्टी गवर्नर ने उसे अपने कार्यालय में बुलाया और उससे कहा कि अगर वह फिर से ऐसा कुछ प्रसारित करता है, तो 'वह मुझे टाउन स्क्वायर में लटका देंगे।'

अन्य मीडिया कर्मचारियों ने रिपोर्ट किया है कि भारी हथियारों से लैस तालिबान खुफिया अधिकारियों ने उनके कार्यालयों का दौरा किया और पत्रकारों को चेतावनी दी कि वे अपनी रिपोर्टिंग में 'तालिबान' शब्द का इस्तेमाल न करें बल्कि सभी प्रकाशनों में 'इस्लामिक अमीरात' का उल्लेख करें।

chat bot
आपका साथी