म्यांमार में रिहा किए गए 110 राजनीतिक बंदी फिर गिरफ्तार, 5 हजार से ज्यादा राजनीतिक बंदी हुए थे रिहा

म्यांमार की सैन्य सरकार से आम माफी मिलने के बाद इसी हफ्ते रिहा किए गए पांच हजार से ज्यादा राजनीतिक बंदियों में से 110 को दोबारा गिरफ्तार किया गया है। बंदियों के परिवार के सदस्यों ने बताया कि कुछ को जेल के प्रवेश द्वार से ही गिरफ्तार कर लिया गया।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 07:04 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 07:08 PM (IST)
म्यांमार में रिहा किए गए 110 राजनीतिक बंदी फिर गिरफ्तार, 5 हजार से ज्यादा राजनीतिक बंदी हुए थे रिहा
म्यांमार में रिहा किए गए 110 राजनीतिक बंदी फिर गिरफ्तार।

नेपीता, एजेंसी। म्यांमार की सैन्य सरकार से आम माफी मिलने के बाद इसी हफ्ते रिहा किए गए पांच हजार से ज्यादा राजनीतिक बंदियों में से 110 को दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया है। बंदियों के परिवार के सदस्यों ने बताया कि कुछ को जेल के प्रवेश द्वार से ही गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि कई बंदियों को घर पहुंचने के घंटेभर के भीतर पकड़कर जेल पहुंचा दिया गया।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, सभी को म्यांमार के आतंक रोधी कानून के तहत पुलिस हिरासत में रखा गया है। लाय लाय नैंग नामक बंदी के परिवार के एक सदस्य ने कहा, 'हम बर्बाद हो गए हैं। हमारी मां 84 साल की हैं और उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है।' नैंग को झूठे समाचार फैलाने के आरोप में गत 21 मई को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उसे तीन वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई थी। म्यांमार में गत सोमवार को 5,600 से ज्यादा राजनीतिक बंदियों को रिहा किया गया था।

म्‍यांमार में 1 फरवरी 2021 को देश की लोकतांत्रिक सरकार का तख्‍तापलट करने के बाद वहां के सैन्‍य शासन ने पहली बार जेल में बंद 700 कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था। बर्मी भाषा की खबर में कहा गया है कि रिहा किए गए कैदियों में वो भी शामिल होंगे जिन्‍हें सैन्‍य प्रशासन के खिलाफ लोगों को भड़काने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।

म्‍यांमार सेना द्वारा चलाए जा रहे चैनल मैवेडी टेलीविजन पर अधिकारियों ने बताया है कि करीब 24 ऐसी सेलिब्रिटिज जिन्‍हें वांटेड घोषित किया गया था, से मामलों को वापस ले लिया गया है। इनमें एक्‍टर खिलाड़ी, सोशल मीडिया से जुड़ी बड़ी हस्तियां, डॉक्‍टर्स, टीचर्स शामिल हैं। आपको बता दें कि तख्‍तापलट से ही देश की प्रमुख आन्‍ग सान सू की समेत अन्‍य नेता हिरासत में हैं। सू की के ऊपर कई तरह के गंभीर आरोप सैन्‍य शासन द्वारा लगाए गए हैं। आज रिहा होने वाले कैदियों में कोई भी राजनीतिक बंदी नहीं है।

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